इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की सजा के अपने रुख पर कायम रहते हुए गुरुवार को कहा कि सैन्य अदालत का फैसला विशिष्ट सबूत पर आधारित था और सुनवाई पारदर्शी तरीके से हुई। पाकिस्तान का यह अभिकथन भारत की ओर से सेवानिवत्त नौसेना अधिकारी जाधव की मां की एक अपील अपीलीय अदालत को सौंपने के एक दिन बाद आया है। भारत ने ऐसा करके जाधव की दोषसिद्धि को पलटने की प्रक्रिया की शुरुआत की जिसे फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने मौत की सजा सुनाई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने दावा किया कि जाधव के खिलाफ जासूसी के लिए देश के कानून के तहत एक पारदर्शी तरीके से मामला चलाया गया। रेडियो पाकिस्तान ने जकारिया के हवाले से कहा कि जाधव की सजा विशिष्ट सबूत के साथ ही उनके इकबालिया बयान पर आधारित थी जिससे देश में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद भी मिली। जकारिया ने यह टिप्पणी जाधव की ओर से अपील भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले द्वारा पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जांजुआ को देने के एक दिन बाद की है। बम्बावाले ने इसके साथ ही जाधव की मां की एक अर्जी भी सौंपी जिसमें जाधव की रिहायी के लिए पाकिस्तान सरकार के हस्तक्षेप की मांग के साथ ही जाधव से मिलने की इच्छा व्यक्त की गई है।
जाधव को इस महीने के शुरू में मौत की सजा सुनाई गई थी जिस पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई। भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि यह पूर्वनियोजित हत्या हुई तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे और इससे द्विपक्षीय संबंध को भी नुकसान पहुंचेगा।