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बीजिंग: चीन के सरकारी मीडिया ने बीजिंग द्वारा अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों का नाम रखने पर भारत की प्रतिक्रिया को बेतुका कहकर खारिज करते हुए चेताया है कि अगर भारत ने दलाई लामा का तुच्छ खेल खेलना जारी रखा तो उसे बहुत भारी कीमत चुकानी होगी। सरकारी ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में इन आरोपों को बेतुकी टिप्पणी करार दिया गया है कि चीन के लिए यह मुर्खतापूर्ण है कि वह विभिन्न काउंटियों के नाम नहीं रख पाया है जबकि उन्हें अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों पर गढ़ रहा है। भारत खेल रहा है दलाई कार्ड, चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद बदतर हुआ शीर्षक से छपे लेख में कहा गया है कि भारत को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्यों चीन ने इस बार दक्षिण तिब्बत में मानकीकत नामों का ऐलान किया। दैनिक कहता है कि दलाई लामा का कार्ड खेलना नई दिल्ली के लिए कभी भी अक्लमंदी भरा चयन नहीं रहा है। दैनिक ने कहा है, अगर भारत यह तुच्छ खेल जारी रखना चाहता है तो यह इसके लिए सिर्फ भारी कीमत चुकाने के साथ ही खत्म होगा। उसमें कहा गया है, दक्षिण तिब्बत ऐतिहासिक रूप से चीन का हिस्सा रहा है और वहां के नाम स्थानीय जातीय संस्कृति का हिस्सा हैं। चीनी सरकार के लिए स्थानों के मानकीकत नाम रखना जायज है। चीन दावा करता है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिण तिब्बत है। चीन ने 19 अप्रैल को ऐलान किया था कि उसने भारत के पूर्वोत्तरी राज्य के छह स्थानों को आधिकारिक नाम दिया है और उकसावे वाले कदम को वैध कार्रवाई करार दिया था।

चीन का यह कदम, दलाई लामा के सीमावर्ती राज्य की यात्रा को लेकर बीजिंग द्वारा भारत को कड़ा विरोध जताने के कुछ दिनों बाद आया है।

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