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वाशिंगटन (पॉम बीच): अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के बीच पहली शिखर वार्ता तनावपूर्ण व्यापारिक रिश्तों को बेहतर बनाने की दिशा में 100 दिन की योजना की घोषणा करने के साथ समाप्त हो गई। सीरिया पर अमेरिका के मिसाइल हमले के साये में हुई इस शिखर वार्ता में यही एकमात्र अहम् घोषणा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति के फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो रिसोर्ट में हुई इस दो दिवासीय वार्ता में शामिल ट्रंप के सहयोगियों ने बातचीत को सफल बताया और कहा कि दोनों नेताओं का रख इस दौरान सकारात्मक रहा। वाणिज्य मंत्री विल्बुर रॉस ने कल कहा कि दोनों पक्ष बातचीत में तेजी लाने पर सहमत हुये हैं जिससे व्यापार में चीन के पक्ष में बने झुकाव को दूर करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया था। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, बातचीत के दौरान ट्रंप ने अर्थव्यवस्था में चीन की सरकार के हस्तक्षेप की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के समक्ष उठने वाली चुनौतियों का उल्लेख किया। ट्रंप ने चीन की औद्योगिक, कृषि, प्रौद्योगिकी और साइबर नीतियों का अमेरिका के रोजगार, निर्यात पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। स्पाइसर ने कहा कि ट्रंप ने अमेरिका के कामगारों के लिये समान स्तरीय सुविधाओं की बात की। उन्होंने कहा कि चीन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिये।

उन्होंने चीन को भी अपने बाजार खोलने और वहां तक पहुंच सरल बनाने पर जोर दिया। शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर न्यूयार्क टाइम्स ने कहा कि इस बैठक में व्यापारिक रिश्तों में सुधार लाने के लिये 100 दिन की योजना की एकमात्र वास्तविक घोषणा हुई है, कई जानकार इस घोषणा को उम्मीद से अधिक मान रहे हैं।

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