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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का चयन संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में किया है। यह विश्व के किसी नागरिक को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कल घोषणा की कि मलाला दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगी। अधिकारिक तौर पर उन्हें एक समारोह में सोमवार को जिम्मेदारी दी जाएगी। मलाला (19 वर्षीय) पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में सभी बच्चों को शिक्षा के अधिकार लिए अभियान चला रही थीं। तालिबान के आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी थी। गुटेरेस ने कहा कि गंभीर खतरे के बावजूद मलाला ने महिलाओं, लड़कियों और सभी लोगों के अधिकारों के लिए अटल प्रतिबद्धता दिखाई। संयुक्त राष्ट्र के अन्य शांति दूतों में अभिनेता माइकल डगलस और लियानार्दो डिकैप्रियो जैसी बड़ी हस्तियां शामिल हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने घोषणा की है कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई देश की संसद को संबोधित करेंगी। मलाला को कनाडा की मानद नागरिकता भी प्रदान की जाएगी। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने कहा कि 19 वर्षीय पाकिस्तानी कार्यकर्ता संसद को संबोधित करने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति होंगी। कनाडा की मानद नागरिकता पाने वाली वह दुनिया की 6 लोगों में से एक हैं।

मलाला के अलावा राउल वूलनबर्ग, नेल्सन मंडेला, 14वें दलाई लामा, आंग सान सू की और आगा खान को कनाडा की मानद नागरिकता मिल चुकी है। मलाला 12 अप्रैल को कनाडा आएंगी बता दें कि मलाला को उस समय तालिबान के आतंकवादियों ने गोली मार दी थी जब वह स्कूल से लौट रहीं थी। उन्हें महिलाओं की शिक्षा की वकालत करने के कारण निशाना बनाया गया था। उस समय मलाला की उम्र महज 15 साल थी। मलाला का प्रारंभिक इलाज पाकिस्तान में हुआ लेकिन उसके बाद इलाज के लिए उन्हें ब्रिटेन भेजा गया। उन्हें उनके अभियान के लिए दुनियाभर से तारीफ मिली और उन्हें साल 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया।

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