पेरिस: सीरिया के उत्तर पश्चिमी इदलिब प्रांत में मंगलवार को संदिग्ध रासायनिक हमले में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई और 400 से अधिक को सांस लेने तथा अन्य दिक्क्तें हैं। सीरिया के एक चिकित्सा राहत समूह ने यह जानकारी दी है। डॉक्टरों और कार्यकर्ताओं के मुताबिक बाद में घायलों का इलाज कर रहे क्लीनिकों पर विमानों से हमला किया गया। हमले में मरने वालों में बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हैं। पेरिस में कार्यरत अंतराष्ट्रीय संगठन ‘यूनियन आफ मेडिकल केयर आगेर्नाइजेशन’ के मुताबिक इस हमले में मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। संगठन ने बताया कि इस हमले में दक्षिण इदलिब के खान शेखोन के आसपास के गांव बुरी तरह प्रभावित हुए है। इदलिब शहर में इस तरह के हमलों की 40 से अधिक घटनाएं हुई हैं। इसे देखते हुए मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी से इनकार नहीं किया जा सकता है। यूरोपीय संघ ने कहा है कि इस संदिग्ध रासायनिक हमले की जिम्मेदारी सीरियाई सरकार की है। फ़्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। तुर्की ने रूस से बातचीत में ये मामला उठाया है। सीरिया की सरकार लगातार रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार कर रही है। हालांकि सीरिया सरकार पर पहले भी रासायनिक हमले के आरोप लगे हैं। अगर ये साबित होता है कि ये रासायनिक हमला था तो सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ने के 6 सालों में ये सबसे घातक रासायनिक हमला होगा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सीरिया में हुई मौतों पर दुख जताया है।
हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी ये नहीं कहा जा सकता है कि ये रासायनिक हमला है या नहीं, पर इस तरह की मौत काफी दुखद है। रासायनिक हथियारों की इस्तेमाल पर नजर रखने वाली संस्था ओपीसीडब्लू ने इस हमले की जांच के लिए जानकारियां जुटानी शुरू कर दी है। अमरीका का कहना है कि उसे पूरा यकीन है कि सीरिया में हुए संदिग्ध रासायनिक हमले के पीछे बशर अल असद की सरकार का हाथ है। ह्वाइट हाउस ने एक बयान जारी कर इस तरह के हमले के निंदा की है जिसमें निर्दोष लोग और बच्चे मारे गए हैं।