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नई दिल्ली: केंद्र, असम सरकार ने असम एनआरसी के अंतिम रूप के लिए सुप्रीम कोर्ट से 31 जुलाई की समयसीमा बढ़ाने की मांग की। सरकार ने इस बात पर जोर देत हुए कहा कि लिस्ट में कुछ सुधार और कुछ नामों को जोड़े जाने की आवश्यकता है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारत दुनिया की शरणार्थी राजधानी नहीं बन सकता।

केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बांग्लादेश के साथ लगते जिलों में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण लाखों लोगों को गलत रूप से असम एनआरसी में शामिल किया गया। केंद्र, राज्य सरकार एनआरसी में शामिल नागरिकों के नमूने के सत्यापन के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचे। केंद्र और राज्य सरकार का कहना है कि बांग्लादेश की सीमा से लगते इलाकों में गलत तरीके से लोगों को इसमें शामिल किया गया है।

गुवाहाटी: असम में बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है और करीब 54 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य के 33 में से 28 जिले अब भी भीषण बाढ़ की चपेट में हैं, हालांकि शिवसागर में जलस्तर में कुछ कमी आई है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य पानी में डूबे हुए हैं और ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहायक नदियां गुवाहाटी समेत कई स्थानों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के शाम के बुलेटिन के अनुसार, धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, सोनितपुर, दरांग, उदालगिरी, बक्सा, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुब्री समेत 28 जिलों में 53,52,107 लोग प्रभावित हुए हैं।

एएसडीएमए ने बताया कि बृहस्पतिवार को नौ और लोगों की मौत की खबर मिली है। इनमें से तीन लोगों की मौत मोरीगांव, दो की विश्ववनाथ और एक-एक व्यक्ति की मौत सोनितपुर, उदालगिरी, बोंगाईगांव और बारपेटा जिलों में हुई। बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव बारपेटा जिले में हुआ है जहां 13.48 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फोन पर बात कर राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और स्थिति से निटपने के लिए केंद्र से राज्य को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। असम में इस साल बाढ़ से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग बेघर हो गये हैं। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि सोनेवाल ने मोदी को बाढ़ से बड़े पैमाने पर तबाही से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सैलाब ने राज्य की अर्थव्यवस्था के अलावा लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। साथ में मोदी को असम सरकार द्वारा किए गए राहत, बचाव और पुनर्वास कार्यों के विवरण के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि राज्य सरकार ने प्रशासन को बराक और ब्रह्मपुत्र, दोनों घाटियों में संवेदनशील बनाया है और उपायुक्तों को कर्मियों और सामग्रियों के साथ बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंचने के लिए कहा है। विज्ञप्ति में बताया गया है कि सोनोवाल ने मोदी को फंसे हुए लोगों के लिए आरंभ किए गए राहत और बचाव कार्यों की पूरी जानकारी दी।

नई दिल्ली: भारी बारिश के बाद अब असम में बाढ़ ने कहर बरपाया है। राज्य के 33 में से 25 जिलों में बाढ़ की वजह से करीब 15 लाख लोग प्रभावित हैं। अगले कुछ दिनों में और बारिश की आशंका है, ऐसे में स्थिति और बिगड़ सकती है। असम में बाढ़ की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या 7 हो गई है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में बारिश से संबंधित घटनाओं में दो-दो लोगों ने अपनी जान गंवाई। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के पानी से जूझ रहे असम राज्य के 33 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल में सेतीझोरा और कालीझोरा के बीच लगभग पांच स्थानों पर पहाड़ियों का एक बड़ा हिस्सा ढह गया है और राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। सिक्किम में रांगपो और 32 नम्बर राजमार्ग पर भी भूस्खलन हुआ है और वहां युद्धस्तर पर मरम्मत और जीर्णोद्धार का काम चल रहा है, लेकिन भारी और लगातार बारिश से बाधा उत्पन्न हो रही है। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने उत्तर बंगाल में सामान्य जीवन को खतरे में डाल दिया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो रही है और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो रहा है।

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