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गुवाहाटी: असम में सोमवार को बाढ़ से चार और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही मृतकों का आंकड़ा 86 पहुंच गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि वैसे तो रविवार से अब तक प्रभावित 17 जिलों में पानी घटा है और जलस्तर में सुधार हुआ है। बाड़पेटा में दो लोगों की मौत हुई जबकि कोकराझार और धुबरी में एक-एक व्यक्तियों की मौत हुई।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार धेमाजी, सोनितपुर, दर्रांग, बक्सा, नलबाड़ी, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, ग्वालपाड़ा, कामरूप, कामरूप (एम),मोरीगांव, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट और कछार बाढ़ प्रभावित जिले हैं। एएसडीएमए के मुताबिक 17 जिलों में 1,348 गांव अब भी पानी में डूबे हुए हैं। राज्य के 522 राहत शिविरों में 50,470 लोग रह रहे हैं जबकि 28 राहत वितरण केंद्र राज्य में चल रहे हैं।

गुवाहाटी: असम के धुबरी में बृहस्पतिवार को एक व्यक्ति की मौत के साथ ही राज्य में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 75 हो गई है जबकि सात जिले में पानी का स्तर बढ़ गया है। भूटान के कुरीचू नदी पर स्थित कुरीचू जलविद्युत जलाशय से अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण असम के बारपेटा, नलबाड़ी, बकसा, चिरांग, कोकराझार, धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में बाढ़ के पानी में बढ़ोतरी हुई है।

बहरहाल, राज्य के कुछ अन्य जिलों में जल स्तर में कमी आई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन (एएसडीएमए) के मुताबिक बाढ़ के कारण 18 जिलों के 2753 गांवों के 34 लाख 92 हजार 734 लोग प्रभावित हुए हैं। एएसडीएमए के अनुसार धुबरी जिले में वृहस्पतिवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई जिससे राज्य में बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या 75 हो गई है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के अंतिम प्रकाशन की समय सीमा मंगलवार को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी लेकिन उसने 20 फीसदी नमूनों के पुन: सत्यापन का केन्द्र और राज्य सरकार का अनुरोध ठुकराया दिया। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर केंद्र और असम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।

केंद्र और राज्य सरकार ने मांग की थी कि एनआरसी डाटा के 20 फीसदी ड्राफ्ट की दोबारा जांच की जाए। याचिका में सरकार ने कहा था कि ऐसा पता चला है कि ड्राफ्ट से कई भारतीय नागरिक बाहर हो गए हैं और अवैध बांग्लादेशियों को इसमें शामिल किया गया है। दोनों सरकारों ने एनआरसी की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाने का आग्रह किया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि इतनी जल्दी एनआरसी संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम एनआरसी के प्रकाशन के लिए 31 जुलाई की डेडलाइन रखी थी। बीते साल 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ड्राफ्ट से बाहर रखे गए 10 फीसदी लोगों का दोबारा सत्यापन कराने का आदेश दिया था।

गुवाहाटी: असम में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है। राज्य के 33 जिलों में से अठारह अभी भी जलमग्न हैं, जिससे 38.37 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, पांच ताजा मौतों में से दो मोरीगांव जिले से और एक धेमाजी, गोलपाड़ा और कामरूप जिलों से बताई गई हैं। हालांकि, पांच जिलों में बाढ़ का पानी घटा है जिससे लोग वापस लौट रहे हैं। एएसडीएमए बुलेटिन के मुताबिक बाढ़ का पानी 2,669 गांवों की समस्या बना हुआ है, 1.35 लाख हेक्टेयर भूमि की फसल बर्बाद हुई है। वहीं काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा बाढ़ के पानी से जलमग्न है। उद्यान में मरने वाले पशुओं की संख्या भी 141 पहुंच गई है।

इस बीच, ब्रह्मपुत्र नदी भी जोरहाट जिले के नेमाटीघाट और धुबरी जिले में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। जिला प्रशासन द्वारा स्थापित 829 राहत शिविरों और राहत वितरण केंद्रों में 1,15,389 से अधिक विस्थापित अभी भी हैं।

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