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नई दिल्ली: सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के प्रमुख ने रविवार को कहा कि असम में भारत-बांग्लादेश जल सीमा पर अगले साल जुलाई तक 'स्मार्ट फेंसिंग' लगाने का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है। बीएसएफ महानिदेशक वीके जौहरी ने कहा कि इस साल क्षेत्र में भारी बारिश और फिर बाढ़ आने की वजह से इस परियोजना के पूरा होने में छह महीने की देरी हो गई है। उन्होंने कहा कि इसकी पहले की समयसीमा दिसंबर 2019 थी।

जौहरी बांग्लादेश के अपने समकक्ष बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के महानिदेशक मेजर जनरल शफीन-उल-इस्लाम के साथ प्रेस वार्ता से इतर बात कर रहे थे। बीएसएफ प्रमुख ने कहा, 'काम क्रियान्वयन करने के चरण में हैं और यह जुलाई 2020 तक पूरा हो जाना चाहिए।' बीएसएफ असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर धुब्री में 55 किलोमीटर लंबी पट्टी में 'स्मार्ट फेंस' लगाने पर काम कर रहा है। नदी के प्रवाह पथ में बदलाव के चलते इस सीमावर्ती क्षेत्र से अवैध प्रवास और मवेशियों की तस्करी होती है।

गुवाहाटी: आज कांग्रेस अपना 135वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया। राहुल ने गुवाहाटी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'जहां भी भाजपा जाती है, वह नफरत फैलाती है। असम में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरे राज्यों में भी प्रदर्शन हो रहा है। आपको क्यों उन्हें मारना और हत्या करनी पड़ी रही है? भाजपा लोगों की आवाज को नहीं सुनना चाहती।' उन्होंने कहा, 'हम भाजपा और आरएसएस को असम के इतिहास, भाषा, संस्कृति पर आक्रमण नहीं करने देंगे। असम को नागपुर नहीं चलाएगा। असम को आरएसएस वाले नहीं चलाएंगे। असम को असम की जनता चलाएगी।'

नोटबंदी से बड़ा झटका होगा एनआरसी और एनपीआर: राहुल

इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से अलग पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ' ये (एनआरसी और एनपीआर) नोटबन्दी नंबर 2 है। इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है। नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा। इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं।

जोरहाट: असम के जोरहाट जिले में एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका को कथित तौर पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन में भाग लेने के लिए निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि तीताबार में जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्यापिका बंदिता बोरा को सीएए के विरोध में दस और सोलह दिसंबर को आयोजित प्रदर्शन में अनधिकृत रूप से भाग लेने के लिए मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि बोरा पर छात्रों को विरोध प्रदर्शन के लिए भड़काने का भी आरोप है।

निलंबन का आदेश मिलने के बाद बोरा ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर कुछ गलत नहीं किया है। मैं एक असमी हूँ और हमेशा अपनी मातृभूमि के लिए खड़ी रहूंगी। मुझे सीएए का विरोध करने पर नौकरी चले जाने का कोई अफसोस नहीं है और मैं विरोध करती रहूंगी।' असम सरकार ने 24 दिसंबर को प्रारंभिक शिक्षा विभाग को एक आदेश जारी कर उसके कर्मचारियों को सोशल मीडिया पर राजनीतिक सामग्री साझा न करने को कहा था।

गुवाहाटी: असम में विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून, 2019 के खिलाफ प्रदर्शन बृहस्पतिवार को भी जारी रहे। ये प्रदर्शन छात्र संगठनों आसू और एजेवाईसीपी के तत्वावधान में हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक विरोध जारी रहेगा। अखिल असम छात्र संघ (आसू) के बैनर तले उदालगुरी जिले में तंगला में सीएए विरोधी रैली हुई। आसू के महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि असमिया लोगों की पहचान, भाषा और संस्कृति को खत्म करने के लिए एक साजिश रची जा रही है। लोकप्रिय गायकों जुबिन गर्ग तथा मानस रॉबिन और रंगमंच कलाकार पबित्रा राभा ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

आसू के अध्यक्ष दीपांक कुमार नाथ ने कहा कि अदालत और सड़कों पर कानून के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार नौकरियों की पेशकश कर युवाओं को लुभाकर आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने लाखों नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन केवल 55 हजार नौकरियों की पेशकश कर रही है। हम उन्हें स्वीकार करेंगे और आंदोलन करना जारी रखेंगे।’’

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