गुवाहाटी: असम में पांच और लोगों की मौत के साथ बाढ़ संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 84 हो गई है। राज्य में बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 110 हो गई है। आधिकारिक बुलेटिन में रविवार (19 जुलाई) को बताया गया कि राज्य के 33 जिलों में से 24 जिलों के 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से सर्वाधिक 4.53 लाख लोग गोलपाड़ा में प्रभावित हुए हैं। बारपेटा में 3.44 लाख लोग और मोरीगांव में 3.41 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण घर क्षतिग्रस्त, फसलें नष्ट और कई स्थानों पर सड़कें और पुल टूट गए।
सरकार की तरफ से बताया गया कि इस बार बरसात के मौसम में कांजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 108 पशुओं की जान चली गई। इनमें नौ गैंडे, चार जंगली भैंसे, सात जंगली सुअर, दो बारासिंगा और 82 हिरण शामिल हैं।
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से राज्य में वैश्विक महामारी कोविड-19 और बाढ़ की स्थिति की पूरी जानकारी ली और उन्हें केंद्र की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।
सोनोवाल ने ट्वीट कर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह फोन पर असम में बाढ़, कोविड-19 और बागजान गैस कुएं में लगी आग के बारे में पूरी जानकारी ली। श्री मोदी ने स्थिति पर चिंता जताई और अपनी एकजुटता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने राज्य को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में बाढ़ जनित घटनाओं में पांच और लोगों की मौत हो गई जिससे इस प्राकृतिक आपदा में मरने वाले लोगों की संख्या 110 हो गई है। इनमें से बाढ़ की वजह से 84 लोगों और भूस्खलन के कारण 26 की मौत हुई है। राज्य के 33 जिलों में से 24 जिलों में 25.64 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।