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गुवाहाटी: असम में विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून, 2019 के खिलाफ प्रदर्शन बृहस्पतिवार को भी जारी रहे। ये प्रदर्शन छात्र संगठनों आसू और एजेवाईसीपी के तत्वावधान में हुए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक विरोध जारी रहेगा। अखिल असम छात्र संघ (आसू) के बैनर तले उदालगुरी जिले में तंगला में सीएए विरोधी रैली हुई। आसू के महासचिव लुरिनज्योति गोगोई ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि असमिया लोगों की पहचान, भाषा और संस्कृति को खत्म करने के लिए एक साजिश रची जा रही है। लोकप्रिय गायकों जुबिन गर्ग तथा मानस रॉबिन और रंगमंच कलाकार पबित्रा राभा ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

आसू के अध्यक्ष दीपांक कुमार नाथ ने कहा कि अदालत और सड़कों पर कानून के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार नौकरियों की पेशकश कर युवाओं को लुभाकर आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने लाखों नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन केवल 55 हजार नौकरियों की पेशकश कर रही है। हम उन्हें स्वीकार करेंगे और आंदोलन करना जारी रखेंगे।’’

असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने तिनसुकिया में चालिहा नगर के खेल मैदान में विशाल रैली आयोजित की जहां हजारों प्रदर्शनकारियों ने कानून को वापस लिये जाने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प जताया। एजेवाईसीपी के महासचिव पलाश चंगमाई ने कहा, ‘‘इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बाहर आने से पता चलता है कि हम डरते नहीं हैं। हम सीएए के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए दृढ़संकल्प हैं। विभिन्न तरीकों से सरकार द्वारा हमें दबाये जाने के बावजूद हर रोज बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर रहे है।’’

गोलाघाट, लखीमपुर, मोरीगांव और शिवसागर में भी प्रदर्शन किये गये। आंदोलनकारियों ने आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किये गये किसान नेता अखिल गोगोई को भी रिहा करने की मांग की।

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