गुवाहाटी: सीबीआई की विशेष अदालत ने 2008 में असम में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के प्रमुख रंजन दैमारी और 14 अन्य को सोमवार को दोषी ठहराया। इन विस्फोटों में 88 लोग मारे गए थे। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने दैमारी और 14 अन्य को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दोषी करार दिया। दोषियों को सजा बुधवार को सुनाई जाएगी। दैमारी के अलावा जॉर्ज बोडो, बी. थरई, राजू सरकार, निलिम दैमारी, अंचाई बोडो, इन्द्र ब्रह्मा, लोको बासुमतारी, खड़गेश्वर बासुमतारी, प्रभात बोडो, जयंत बोडो, अजय बासुमतारी, मृदुल गोयारी, माथुराम ब्रह्मा और राजेन गोयारी को भी दोषी करार दिया गया है।
असम में 30 अक्तूबर, 2008 में बम धमाका हुआ था। गुवाहाटी और पश्चिमी असम के आस-पास के इलाकों में एक के बाद एक 18 बम धमाके हुए थे। इस धमाके में 81 लोगों की मौत जबकि 470 घायल हो गए थे। विशेष सरकारी वकील टीडी गोस्वामी ने कहा कि राज्य ने आरोपियों के खिलाफ सजा-ए-मौत की मांग की है। सीबीआई की विशेष अदालत 30 जनवरी को आरोपियों को सजा सुनाएगी।
यह समूह भारत सरकार से बातचीत कर रहा है। अधिकार कार्यकर्ता अंजलि दैमारी और रंजन दैमारी की बहन का कहना है कि इस तरह का निर्णय और शांति प्रक्रिया साथ-साथ नहीं चल सकती हैं। इस मामले में कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सात फिलहाल फरार हैं जबकि माना जा रहा है कि दो की मौत हो चुकी है। 15 आरोपियों में से केवल रंजन दैमारी ऐसा शख्स था जोकि जमानत पर बाहर है।