ताज़ा खबरें
बिहार में चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार, सात बीजेपी विधायक बने मंत्री
महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में आखिरी स्नान, संगम में लाखों ने लगाई डुबकी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी है। इसमें गोरखपुर और कानपुर सीट पर पार्टी ने प्रत्याशी उतारे हैं। खास बात यह है कि निषाद पार्टी को भाजपा के साथ जाता देख सपा ने बड़ा दांव चला है और गोरखपुर से रामभुआल निषाद को टिकट दिया है। रामभुआल निषाद को सपा में निषाद समुदाय के चेहरे के तौर पर देखा जाता है। माना जा रहा है कि निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद को भाजपा से हाथ मिलाते देख सपा को निषाद समुदाय के वोटों के खिसकने का खतरा नजर आ रहा था।

इसी वजह से पार्टी ने इसकी काट के तौर पर गोरखपुर से रामभुआल निषाद को मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ सपा ने कानपुर से भी एक दूसरे निषाद नेता राम कुमार को टिकट दिया है। आपको बता दें कि सपा- बसपा- रालोद गठबंधन में शमिल होने के महज तीन दिन बाद निषाद पार्टी शुक्रवार रात अचानक महागठबंधन से अलग हो गयी थी और घंटे के अंदर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए मायावती के साथ गठबंधन के फैसले से मुलायम सिंह खुश हैं। एक इंटरव्यू के दौरान अखिलेश ने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन से मुलायम सिंह खुश हैं क्योंकि वह जानते हैं कि देश को संकट और खतरे से बचाने के लिए यह गठबंधन किया गया है। उन्होंने कहा- “हमने राज्य में कई साझा रैलियों की योजना बनाई है, इसमें मैनपुरी भी शामिल है। मुलायम भी मंच साझा करेंगे।” यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या हाल के दिनों में मुलायम से मायावती से बात की, इसका जवाब उन्होंने न में दिया लेकिन पिछले साल गोरखपुर लोकसभा उप-चुनाव के दौरान जीत पर बीएसपी सुप्रीमो को बधाई दी थी।

गोरखपुर में समाजवादी पार्टी की जीत को विपक्ष के लिए राजनीतिक तौर पर बड़ी कामयाबी मानी गई क्योंकि यहां पर साल 1998 से लगातार योगी आदित्यनाथ जीतते आ रहे थे। उन्होंने यह माना कि प्रोफेसर राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय प्रताप सिंह और मुलायम के भाई शिवपाल के बीजेपी फिरोजाबाद में मुकाबला परिवार के लिए कोई परेशानी की बात नहीं है।

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल की वायनाड़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना को खारिज नहीं करते हुए कहा है कि अतीत में पार्टी के कई नेताओं ने एक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा है और उनके विषय में पार्टी जल्द फैसला करेगी। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेठी हमेशा उनकी ''कर्मभूमि" बनी रहेगी। प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव लड़ाने की पार्टी नेताओं की मांग पर गांधी ने कहा कि यह फैसला उन्हें करना है कि वह चुनाव लड़ेंगी या नहीं।

दरअसल, प्रियंका ने चुनाव लड़ने से जुड़े कार्यकर्ता के आग्रह के जवाब में बृहस्पतिवार को कहा कि वह वाराणसी से चुनाव नहीं क्यों नहीं लड़ें? इस बयान के बाद उनके चुनाव लड़ने को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। राहुल गांधी ने 'पीटीआई को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि अमेठी उनकी कर्मभूमि है और हमेशा रहेगी। बहरहाल, उन्होंने किसी और भी सीट से चुनाव लड़ने से मना नहीं किया। उन्होंने कहा, ''अमेठी मेरी कर्मभूमि है और हमेशा रहेगी।

अयोध्या (उप्र): कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को भाजपा पर देश के संविधान और लोकतंत्र को नष्ट करने की पूरी तैयारी कर लेने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि केन्द्र की 'सबसे कमजोर' नरेन्द्र मोदी सरकार में जनता के बुनियादी सवालों का सामना करने की हिम्मत नहीं है। प्रियंका ने अयोध्या में कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल खत्री के समर्थन में आयोजित जनसभा में भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा 'इन लोगों ने संविधान, लोकतंत्र और संस्थाओं को नष्ट करने की पूरी योजना बना ली है। संविधान और लोकतंत्र जनता को मजबूत बनाते हैं। चूंकि ये लोग काम करने के बजाये सिर्फ बातें करते हैं इसलिये आपको मजबूत नहीं होने देना चाहते। देश में इससे दुर्बल सरकार और कोई नहीं रही है।'

उन्होंने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर तंज करते हुए कहा 'जनता की आवाज सुनना सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति है। सरकार आपकी बात नहीं सुन रही है, यह शक्ति नहीं दुर्बलता है। इस सरकार में वह हिम्मत नहीं है कि आपकी बात सुने। वे (प्रधानमंत्री मोदी) गांव-गांव इसलिये नहीं जाते, क्योंकि वहां सचाई दिखायी देती है।'

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख