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नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में अपनी प्रतिमाओं और हाथी की मूर्तियों की स्थापना में खर्च को सही ठहराते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हलफनामा दायर किया। उन्होंने हलफनामे में कहा है कि यह लोगों की इच्छाएं थीं। इसके अलावा मायावती ने हलफनामे दायर कर पैसा भी देने से इंकार किया है। मायावती ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि मूर्तियों के निर्माण के लिए निधि बजटीय आवंटन और राज्य विधानसभा की मंजूरी के जरिए स्वीकृत की गई।

उन्होंने कहा कि मूर्तियां बनाने के पीछे मंशा समाज सुधारकों के मूल्यों और आदर्शों का प्रचार करना है ना कि बसपा के चिह्ल का प्रचार करना । बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि उसके संभावित विचार में लखनऊ और नोएडा में अपनी तथा बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनवाने पर खर्च किया गया सारा सरकारी धन मायावती को लौटाना होगा। कोर्ट एक वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि लोकसभा चुनावों में जनता को बहकाने और भटकाने का खेल भाजपा का एजेंडा है। केंद्र में पांच साल और यूपी में दो साल की भाजपा सरकारों ने सिर्फ सत्ता का दुरुपयोग करना सीखा। उन्होंने कहा कि शून्य रिपोर्ट कार्ड वाले मुख्यमंत्री भी उन्हीं की भाषा बोल रहे हैं। अखिलेश ने कहा है कि भाजपा की विकास में कभी कोई रुचि नहीं रही। गरीब, किसान, नौजवान के हितों की भी उसने कभी सुध नहीं ली। महंगाई बढ़ती गई, किसान आत्महत्या करते रहे, व्यापारी लुटते रहे हैं, व्यापारियों की हत्याएं हो रही हैं और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। भाजपा को कभी इनकी चिंता नहीं हुई। गरीब और गरीब होता गया। देश के आधा दर्जन घरानों में देश की पूंजी समाहित हो गई। जनता की गाढ़ी कमाई बैंकों में जमा हुई जिसे लेकर बड़े उद्योगपति विदेश भाग गए।

उन्होंने कहा कि भाजपा का वादा था कि सत्ता में आने के 14 दिनों के अंदर गन्ना किसानों का बकाया अदा कर दिया जाएगा। दो साल हो गए गन्ना किसान आज भी बकाए के लिए मिलों का चक्कर लगा रहा हैं। अब किसानों को धोखा देने के लिए गन्ना किसानों का मतदान से पहले कुछ बकाया अदा करने का दिलासा दिया जा रहा है। यह काम चुनावी आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने का होगा। इसका चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।

लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि दलितों का वोट बांटने के लिए भाजपा ने पहले साजिश कर भीम आर्मी बनवाई और अब उसे मुखिया चंद्रशेखर को वाराणसी से चुनाव लड़वा रही है। उन्होंने गठबंधन के लोगों से अपील की है कि वोट बंटवारा रोकने के लिए अभी से जुट जाएं और भाजपा के मंसूबों को सफल न होने दें। इसके साथ ही दलित, पिछड़ों और मुस्लिमों को एक रहने की जरूरत बताई है। मायावती ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के वाराणसी से चुनाव लड़ने की खबर आने के बाद रविवार को जारी बयान में भाजपा को आड़े हाथों लिया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा इसकी आड़ में अपनी दलित-विरोधी मानसिकता वाली घिनौनी राजनीति कर रही है। भाजपा ने गुप्तचरी के लिए पहले चंद्रशेखर को बसपा में भेजने का प्रयास किया, लेकिन उनका यह षडयंत्र विफल रहा। उन्होंने एससी-एसटी वोटबैंक को सचते करते हुए कहा कि भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए आपका एक-एक वोट बहुत कीमती है। इसे किसी भी हाल में बर्बाद नहीं होने दें।

बागपत/बिजनौर: भाजपा प्रमुख अमित शाह ने अमेठी के साथ-साथ केरल की वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ने जा रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए रविवार को कहा कि हिन्दू समुदाय पर आतंकवाद का ठप्पा लगाने वाले राहुल चाहे जहां भाग जाएं, मगर जनता उनसे हिसाब जरूर मांगेगी। शाह ने बिजनौर से भाजपा प्रत्याशी कुंवर भारतेन्द्र सिंह के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा कि कांग्रेस ने समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को क्लीनचिट दी और स्वामी असीमानंद समेत कई निर्दोषों को जेल भेजकर हिन्दू समुदाय पर आतंकवाद का ठप्पा लगाया।

शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने के निर्णय का जिक्र करते हुए कहा 'मुझे पता चला है कि राहुल गांधी केरल की ओर भागे हैं, अमेठी की ओर नहीं। सबको मालूम है कि अमेठी में इस बार उनका हिसाब-किताब चुकता होने वाला है। केरल में तुष्टिकरण की राजनीति है, इसीलिये वह वहां गये हैं। आपने वोट बैंक की राजनीति के लिये देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। आप जहां भी जाएंगे, देश की जनता आपसे हिसाब मांगेगी।'

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