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अलीगढ़: बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को भाजपा पर मौजूदा लोकसभा चुनावों में अपने राजनीतिक हित साधने के लिए सरकारी ताकत का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। अलीगढ़ में आयोजित एक चुनावी जनसभा में मायावती ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा लोकसभा चुनाव जीतने के लिए अपनी ताकत का दुरुपयोग कर रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमले के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की मदद ले रहे हैं। यह एक खतरनाक चलन है। साथ ही यह मोदी द्वारा अपनायी जा रही निचले दर्जे की सियासत की एक और मिसाल है। प्रधानमंत्री द्वारा देश में जगह-जगह दिये जा रहे भाषण देश में राजनीति का एक नया रसातल दिखा रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रवाद को मिथ्याप्रचार करार देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी दावा करते हैं कि देश की सीमाएं पहले कभी इतनी सुरक्षित नहीं थीं, जितनी कि आज हैं, मगर सच्चाई यह है कि देश की सरहदों की हालत किसी से छुपी नहीं है। मायावती ने दावा किया कि पिछले पांच साल के दौरान देश में अल्पसंख्यकों और हाशिये पर खड़े लोगों की हालत बद से बदतर हुई है।

बाराबंकी: रेलवे स्टेशन पर पीएम नरेंद्र मोदी के फोटो लगे टिकट यात्रियों को बेचने पर रेलवे के तीन कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं। ये करवाई जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर हुई है। रेल टिकटों पर पीएम मोदी की तस्वीर होने का मामला जब मीडिया में आया तो बवाल मच गया। इस बीच निर्वाचन आयोग ने इसे आचार संहिता के उल्लंघन का मामला मानते हुए सख्त रुख अपनाया। चुनाव आयोग ने बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर तैनात तीन कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबित होने वाले कर्मचारियों में बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर तैनात रिजर्वेशन सुपरवाइजर सुरेश कुमार, चित्रा कुमारी और मुख्य आरक्षण प्रबन्धक ओंकारनाथ शामिल हैं।

दरअसल चुनाव आयोग ने पूरे मामले पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी। इसके बाद डीएम ने एडीएम संदीप कुमार गुप्ता को इस मामले की जांच सौंपी। एडीएम की जांच में यह तीनों कर्मचारी आचार संहिता के उल्लंघन मामले में दोषी निकले। इस पूरे मामले में अपर जिलाधिकारी संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस मामले में बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर जाकर जांच की।

नई दिल्ली: आचार संहिता उल्लंघन को लेकर चुनाव आयोग की सख्ती का सिलसिला जारी है। चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मेनका गांधी और सपा नेता आजम खान के चुनाव प्रचार करने पर भी रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने सपा नेता आजम खान के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक लगा दी। मंगलवार सुबह 10 बजे से प्रतिबंध होगा लागू। वहीं मेनका के चुनाव प्रचार करने पर 48 घंटे की रोक लगाई है।

क्या है आरोप

मेनका गांधी ने सुल्तानपुर में एक रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को कहा था कि अगर उन्हें कम वोट मिले तो इसका असर होने वाले काम पर पड़ेगा। इसी तरह आजम खान ने रामपुर से भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। दोनों ही मामलों में रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई थी।

लखनऊ: केंद्रीय चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व बसपा सुप्रीमो मायावती के चुनाव प्रचार करने पर क्रमश: 72 घंटे व 48 घंटे की रोक लगा दी है। दोनों नेताओं पर चुनाव प्रचार के अपने भाषण में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई गई है। दरअसल, 7 अप्रैल को देवबंद, सहारनपुर में गठबंधन की संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा था कि मुसलमान अपने वोट बंटने न दें और एकमुफ्त गठबंधन प्रत्याशी को वोट करे।

आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए 11 अप्रैल को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था और अब उन पर 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। वहीं, आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई है। आयोग के अनुसार, योगी ने जनसभा के दौरान एक खास संदर्भ में 'हरा वायरस' और 'बजरंग बली' शब्द का इस्तेमाल किया था। जो अचार संहिता का उल्लंघन है। आपको बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती 16 अप्रैल को आगरा में चुनावी रैली करने वाली थीं जिसका कार्यक्रम जारी कर दिया गया था।

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