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लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी है। इसमें गोरखपुर और कानपुर सीट पर पार्टी ने प्रत्याशी उतारे हैं। खास बात यह है कि निषाद पार्टी को भाजपा के साथ जाता देख सपा ने बड़ा दांव चला है और गोरखपुर से रामभुआल निषाद को टिकट दिया है। रामभुआल निषाद को सपा में निषाद समुदाय के चेहरे के तौर पर देखा जाता है। माना जा रहा है कि निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद को भाजपा से हाथ मिलाते देख सपा को निषाद समुदाय के वोटों के खिसकने का खतरा नजर आ रहा था।

इसी वजह से पार्टी ने इसकी काट के तौर पर गोरखपुर से रामभुआल निषाद को मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ सपा ने कानपुर से भी एक दूसरे निषाद नेता राम कुमार को टिकट दिया है। आपको बता दें कि सपा- बसपा- रालोद गठबंधन में शमिल होने के महज तीन दिन बाद निषाद पार्टी शुक्रवार रात अचानक महागठबंधन से अलग हो गयी थी और घंटे के अंदर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और पार्टी के अन्य नेताओं की लखनऊ में शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद किसी भी तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया है। सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन को बड़ा झटका देते हुये शुक्रवार को निषाद पार्टी ने अपनी राहें जुदा करते हुये कहा कि वह अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि निषाद पार्टी लोकसभा चुनाव में भाजपा का दामन थाम सकती है।

निषाद पार्टी के मीडिया प्रमुख निक्की निषाद उर्फ रितेश निषाद ने गोरखपुर में कहा कि ''निषाद पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच महाराजगंज लोकसभा सीट को लेकर मतभेद था, निषाद पार्टी इसे अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ना चाहती है जबकि समाजवादी पार्टी इसके लिये तैयार नहीं है।'' उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी के कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे और उन लोगों ने पार्टी से इस्तीफा देना शुरू कर दिया।

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