लखनऊ: पिछले लोकसभा चुनाव में रायबरेली से भाजपा प्रत्याशी रहे अजय अग्रवाल ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है कि अगर इस दफा उनका टिकट काटा गया, तो पार्टी को वैश्य समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। अजय अग्रवाल ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की तीन सीटों पर वैश्य समाज के प्रत्याशी उतारे थे, जबकि आबादी के हिसाब से इस बिरादरी के सात-आठ प्रत्याशी होने चाहिए थे। इस बार उन्हें पता लगा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में वैश्य समाज की भागीदारी को तीन से घटाकर दो सीटों पर करने जा रही है, जिसकी वजह से वैश्य समाज में गहरा रोष व्याप्त है।
अजय अग्रवाल ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने केवल अपने और कार्यकर्ताओं के दम पर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को टक्कर दी थी। अगर भाजपा ने इस चुनाव में उनका टिकट काटा तो पार्टी को वैश्य समाज में आक्रोश के कारण बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने रायबरेली से वैश्य समाज का टिकट काटकर किसी अन्य जाति को देने का आत्मघाती कदम उठाया तो यह समाज पूरे उत्तर प्रदेश खासकर रायबरेली, लखनऊ, फतेहपुर, कानपुर, वाराणसी, अमेठी, बाराबंकी, फैजाबाद, मोहनलालगंज और कौशांबी लोकसभा क्षेत्रों में अपना आक्रोश प्रकट कर सकता है।
अजय अग्रवाल ने कहा कि पार्टी के हित में वह आग्रह करना चाहते हैं कि रायबरेली लोकसभा क्षेत्र में 2014 में वैश्य समाज को दिए गए प्रतिनिधित्व में कोई बदलाव न किया जाए। मालूम हो कि कभी सपा के राष्ट्रीय सचिव रहे अग्रवाल ने वर्ष 2014 में रायबरेली सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और उन्हें करीब एक लाख 74 हजार वोट मिले थे, हालांकि वह सोनिया गांधी से तीन लाख 52 हजार से ज्यादा मतों से हार गये थे।