लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का एलान किया। उन्होंने यहां कहा ‘‘मैं जब चाहूं, लोकसभा का चुनाव जीत सकती हूं। हमारा गठबंधन बेहतर स्थिति में है। मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगी। आगे जरूरत पड़ने पर किसी भी सीट से मैं चुनाव लड़ सकती हूं।'’ मायावती ने कहा 'बाद में जरूरत पड़ने पर, मैं जिस सीट से चाहूंगी उस सीट को खाली कराकर लोकसभा की सांसद बन सकती हूं । अभी की जरूरत को देखते हुए तथा अपनी पार्टी के व्यापक हित, जनहित और देश के हित में मेरा अभी लोकसभा का चुनाव न लड़ना ज्यादा बेहतर है।’’
उन्होंने कहा 'मैंने उत्तर प्रदेश से चार बार लोकसभा का चुनाव जीता है तथा दो बार विधानसभा की सदस्य भी रही हूं । चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रही हूं । ऐसी स्थिति में मुझे प्रदेश की किसी भी सीट पर केवल अपना नामांकन भरने के लिये ही जाना होगा। जीत की जिम्मेदारी हमारे लोग खुद ही उठा लेंगे, यह निश्चित है।’’
मायावती ने आगे कहा ‘‘लेकिन अपनी बहन जी को भारी मतों से जिताने के लिये, मेरे मना करने के बावजूद जब पार्टी के लोग मेरे लोकसभा क्षेत्र में काम करने चले जायेंगे तो इससे मुझे हमारे दूसरे क्षेत्र का चुनाव प्रभावित होने की आशंका है। मैं ऐसा कतई नहीं चाहती ।’’
उन्होंने कहा 'देश के लोग भाजपा की वर्तमान अहंकारी, निरंकुश, जातिवादी और सांप्रदायिक सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। इसी संकल्प के साथ ही यहां उप्र में बसपा, सपा और रालोद का गठबंधन किया गया है। गठबंधन अपनी तीनों पार्टियों की हर सीट जीतने के लिये पूरे जी जान से लगा हुआ है । इसे मैं किसी भी कीमत पर थोड़ा सा भी नुकसान होते हुये नहीं देखना चाहती हूं । इसलिये मेरे खुद के जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण इस चुनाव में प्रदेश की एक एक लोकसभा सीट को जीतना है ताकि हमारी पार्टी के सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के मिशन को भी पूरा बल मिले।'
एक दूसरे के प्रत्याशी की कमान संभालेंगे सपा-बसपा
इस बीच समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों में गठबंधन के बाद मतदाताओं को यह संदेश देने के लिये जमीनी स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है कि दोनों दल अब एक हैं और कार्यकर्ता दोनों दलों के प्रत्याशियों को जिताने के लिये कमर कस लें। सपा और बसपा गठबंधन ने अपने परंपरागत वोटों को एकजुट रखने के लिये तैयारियों पर अमल शुरू कर दिया है जिसके तहत जल्द ही पार्टी नेताओं को प्रत्येक लोकसभा सीट की अलग अलग जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी। सपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने बताया 'प्रदेश में लोकसभा चुनावों में बूथ स्तर पर प्रबंधन की तैयारी आरंभ हो गयी है। दोनों दल समन्वय करेंगे ताकि कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाये कि दोनों दल एक हैं। जिस लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां विधानसभा स्तर पर चुनाव प्रबंधन का जिम्मा स्थानीय बसपा नेताओं के हाथ में होगा और जहां बसपा प्रत्याशी चुनाव लड़ रहा है वहां की पूरी जिम्मेदारी सपा नेताओं पर होगी ताकि सपा और बसपा दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाए कि दोनों दल एक हैं।’’
होली के बाद सपा-बसपा-रालोद की संयुक्त चुनाव रैलियां होगी
इस बीच उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और रालोद महागठबंधन की संयुक्त चुनाव रैलियां चरणबद्ध तरीके से होली के बाद शुरू हो जाएंगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से इन संयुक्त रैलियों की शुरूआत नवरात्र के पवित्र दिनों में होगी. पहली संयुक्त रैली सात अप्रैल को देवबंद में होगी जिसको बसपा प्रमुख मायावती, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह संबोधित करेंगे। इस तरह की रैलियां पूरे राज्य में होंगी जिसमें गठबंधन के नेता संयुक्त रूप से मंच साझा करेंगे।