ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

वडगाम: गुजरात में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी सरगर्मी तेज है। नेता एक दूसरे पर वार पलटवार करते हुए अपने एजेंडे को धार दे रहे हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव में अपने हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने और वोट हासिल करने के लिए समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठा रही है।

ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को लागू करने का अधिकार राज्यों के पास नहीं है। यह अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। वह शनिवार को बनासकांठा जिले के वडगाम में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर ने कहा था कि समान नागरिक संहिता अनिवार्य नहीं स्वैच्छिक होनी चाहिए। वोट पाने के लिए चुनाव से पहले ऐसे मुद्दों को उठाने की भाजपा की पुरानी आदत है।

हिंदुत्व के एजेंडे पर भाजपा

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा चुनावी फायदे के लिए हिंदुत्व के एजेंडे के साथ आगे बढ़ना चाहती है। मालूम हो कि गुजरात सरकार ने शनिवार को एलान किया था कि वह समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति का गठन कर रही है। खुद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में इस समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। माना जा रहा है कि यह राज्य सरकार के इस कार्यकाल का अंतिम फैसला है क्योंकि राज्य में चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा जल्द होने की उम्मीद है।

उत्तराखंड में भी हो चुका है इस मुद्दे का इस्तेमाल

गौरतलब है कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनती है तो वह राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू करेगी। अब ठीक उसी राह पर गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार भी चल पड़ी है। उत्तराखंड के बाद गुजरात दूसरा राज्य है जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर समिति का गठन किया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख