नई दिल्लीः यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को भाजपा पार्टी की 'गौरव यात्रा' में शामिल होने के लिए गुजरात पहुंचे। वलसाड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा।
यूपी के सीएम ने कहा कि अमित शाह यहां आते है लेकिन राहुल गांधी इटली भाग जाते है, तब उन्हें गुजरात की याद नहीं आती है। राहुल गांधी के अलावा योगी आदित्यनाथ ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर भी वार किया।
आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व पीएम के बारे में यह बात फेमस थी कि कोई भी निर्णय लेने से पहले वह नेहरू-गांधी फैमिली की तरफ देखा करते थे। यदि वह माना कर देते थे तो पीएम चुप्पी साध लेते थे। योगी आदित्यनाथ ने अमेठी के सासंद और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए कहा कि राहुल गांधी 14 साल में आज तक अमेठी को कलेक्ट्रेट की बिल्डिगं नहीं दे सके।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने तीन पीढ़ियों तक अमेठी में राज किया हो और वहां एक कलेक्ट्रेट की बिल्डिंग भी ना दे पाएं हों। ऐसे लोग गुजरात में क्या विकास करेंगे?
योगी ने कहा कि जहां भी राहुल गांधी अपनी पार्टी के प्रचार के लिए गए हैं वहां कांग्रेस की हार तय है। योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि 41 साल तक इस देश में शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत रत्न देने की नहीं सोची थी।
आपको बता दें कि पिछले 22 सालों से गुजरात की सत्ता में काबिज बीजेपी को हालिया दौर में पाटीदार आंदोलन, दलित आंदोलनों की वजह से पहली बार कुछ असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उसकी काट के लिए भाजपा ने फायरब्रांड हिंदुत्व इमेज के नेता योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए गुजरात चुनाव में उतारने का फैसला किया है।
यूपी के मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के भीतर योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खाने समेत कई ऐसे निर्णय लिए हैं जिनसे उनकी कट्टरवादी हिंदुत्व इमेज में इजाफा हुआ है। गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इस बार 182 विधानसभा सीटों में से कम से कम 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। दरअसल 1985 में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 149 सीटें जीती थीं। भाजपा अबकी बार उस रिकॉर्ड को ध्वस्त करना चाहती है।
इसलिए विकास के एजेंडे के साथ हिंदुत्व के कार्ड को भी चुनाव में इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। अहमदाबाद, सूरत जैसे प्रमुख औद्योगिक शहरों में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं। दूसरी तरफ पीएम नरेंद्र मोदी, वाराणसी से सांसद हैं।
इसलिए दोनों राज्यों के रिश्ते भी मजबूत हुए हैं और गुजरात में मौजूद इस वोटबैंक को रिझाने की कोशिशों के तहत योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए उतारा जा रहा है।