रायपुर: राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ की गौशाला में गायों के मरने की खबर आई है। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक ग्राम पंचायत की गौशाला में पिछले कुछ दिनों में दम घुटने से कम से कम 18 गायें मर गयीं। बलौदाबाजार जिले के जिलाधिकारी जनक प्रसाद पाठक ने बताया कि तीन अगस्त को रोहासी गांव से 18 मृत गायें मिलीं। उन्होंने बताया कि यह घटना तब सामने आयी तब स्थानीय अधिकारियों को सूचना मिली कि मृत गायें गांव में दफन करने के लिए ले जायी जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ''प्राथमिक जांच से खुलासा हुआ है कि ये गायें कुछ दिनों से कमरे में बंद थीं और दुम घटने से मर गयीं। पाठक के अनुसार दरअसल ग्रामीण अपने खेतों में अवारा मवेशियों द्वारा फसलों नुकसान पहुंचाये जाने से परेशान थे। आपस में चर्चा करने के बाद उन्होंने गायों और भैंसों समेत इन अवारा मवेशियों को पकड़कर उन्हें गांव में एक गौशाला के एक कमरे में बंद कर दिया और अन्य मवेशियों को परिसर में बाहर खुले में खूंटे से बांध दिया।
उन्होंने बताया कि जब कोई व्यक्ति इन मवेशियों पर दावा करने नहीं पहुंचा तब ग्रामीणें को उनके लिए चारा-पानी का इंतजाम करना मुश्किल लगने लगा। ऐसे में उन्होंने बाहर के मवेशी खोल दिये लेकिन कमरे के अंदर बंद मवेशियों पर उनका ध्यान कथित रुप से नहीं गया। जब वहां से तीन अगस्त को बदबू आने लगी तब उन्होंने जाकर देखा और उन्हें अंदर मृत जानवर मिले।
जिलाधिकारी के मुताबिक जब गांववाले उन्हें निपटान के लिए ले जा रहे थे तब किसी ने स्थानीय अधिकारियों को इसकी खबर दे दी। अंत्यपरीक्षण के बाद सभी मृत मवेशी गांव में एक गहरे गड्ढें में दफन कर दिया गया। इस बात का एहतियाती उपाय किये गये कि इस घटना के चलते कोई महामारी न फैले।
पाठक ने कहा, ''मवेश चार दिनों तक एक कमरे में बंद रहे और उसमें 18 मवेशियों को रखने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं थी। अतएव, वे दम घुटने से मर गये। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच का आदेश दिया गया है और तद्नुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। पिछले साल छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार सरकारी सहायता प्राप्त तीन गौशालाओं में बड़ी संख्य में गायों की मौत को लेकर विपक्षी कांग्रेस के निशाने पर आयी थी।