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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने अंततः अपनी हार स्वीकार कर ली है और वह राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें अपना त्यागपत्र सौंप दिया। मुख्यमंत्री सचिवालय ने सोमवार शाम को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता का धन्यवाद दिया और कहा कि वह जनता के आदेश को सहर्ष स्वीकार करते हैं लेकिन उन्होंने इस हार को पार्टी की नहीं बल्कि अपनी व्यक्तिगत हार बताया। इससे पूर्व दास ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''मेरी व्यक्तिगत हार है। यह भाजपा की हार नहीं है।

उन्होंने चुनाव के परिणामों और रुझानों पर कहा, ''लगता है कि भाजपा विरोधी सभी मतों का ध्रुवीकरण हो गया और उनके एकजुट हो जाने से ही हमें हार का सामना करना पड़ा है। अपनी हार के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ''हमारी विधानसभा में अभी आधी ही गणना हुई है और मुझे अभी भी उम्मीद है कि मैं जीतूंगा। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''लोकतंत्र में जनता का आदेश शिरोधार्य होता है। अतः जो भी जनादेश मिलेगा उसका हम सहर्ष स्वागत करेंगे।

रांची: झारखंड विधानसभा में सीएम रघुबर दास ने भाजपा की हार हार स्वीकार कर लिया है। भाजपा 21 सीटों के आसपास सिमटती दिखाई दे रही है। वहीं कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन को 45 से ज्यादा सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए। जेएमएम अकेले 30 सीटों पर आगे हो गई है और भाजपा को पीछे छोड़ बनी सबसे बनी पार्टी बन गई है। वहीं जमशेदपूर्व से मुख्यमंत्री रघुबर दास इस समय बागी सरयू राय से काफी पीछे हो गए हैं। अभी तक मिल रहे रुझानों के मुताबिक मुख्यमंत्री सहित 5 मंत्री हार की ओर जाते दिख रहे हैं।

झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के रुझान में भारतीय जनता पार्टी को एक तरह से झटका लगा है। जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन ने काफी मशक्कत के बाद बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। हालांकि, रुझानों में अब भी सीटों की संख्या में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन और भाजपा में सुबह से ही रुझानों में आगे-पीछे की होड़ लगी रही। कभी भाजपा बहुमत के करीब हो रही थी तो कभी कांग्रेस-जेएमएम बहुमत पार कर रही थी। फिलहाल, कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन बहुमत के करीब और भाजपा को एक तरह से बड़ा झटका लगा है।

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के लिए आज नतीजों का दिन है। झारखंड विधानसभा की 81 सीटों पर हुए मतदान के आज परिणाम आएंगे, जिसके लिए सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई है। झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के रुझान में भारतीय जनता पार्टी को एक तरह से झटका लगा है। जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन ने काफी मशक्कत के बाद बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। हालांकि, रुझानों में अब भी सीटों की संख्या में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। सुबह 11 बजे तक के रुझानों के मुताबिक, जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन बहुमत के आंकड़े के साथ 43 सीटों पर कायम है, वहीं बीजेपी 27 सीटों पर लीड कर रही है।

झारखंड विधानसभा चुनावों की मतगणना के प्रारंभिक रुझानों के अनुसार, मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर पूर्व विधानसभा सीट पर अब पीछे चल रहे हैं लेकिन झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष एवं चुनावों में गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन बरहेट सीट और दुमका विधानसभा सीट पर भाजपा से आगे चल रहे हैं। गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक हुआ था।

नई दिल्ली: झारखंड में एक बार फिर से त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं। इस स्थिति में जेवीएम के बाबूलाल मरांडी और आजसू के सुदेश महतो अगली सरकार में किंगमेकर की भूमिका निभा सकते हैं। यह संकेत आईएएनएस-सीवोटर-एबीपी एग्जिट पोल की ओर से शुक्रवार को राज्य के पांचवें व आखिरी चरण के मतदान के बाद जारी किए गए एग्जिट पोल से मिले हैं। आईएएनएस-सीवोटर-एबीपी एग्जिट पोल राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्रों के 38,000 मतदाताओं से बातचीत के आधार पर है। एग्जिट पोल में सभी पांच चरणों के मतदान को शामिल किया गया है।

एग्जिट पोल के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के 28 से 36 सीटें जीतने की उम्मीद है, जो 2014 की 37 सीटों से कम है। विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल के गठबंधन को 31 से 39 सीटों के बीच मिल सकती है। इस तरह से अगर यही स्थिति रही तो सरकार बनाने में आजसू और जेवीएम जैसे क्षेत्रीय दलों की भूमिका काफी बढ़ जाएगी। सी-वोटर के यशवंत देशमुख ने कहा कि अगर भाजपा को 30 से कम सीटें मिलती हैं तो पार्टी के लिए सरकार बनाना मुश्किल होगा, क्योंकि उन्हें पार्टी के पूर्व नेता और मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी व सहयोगी रहे सुदेश महतो से समर्थन की उम्मीद नहीं है।

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