ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में मिली हार का भारतीय जनता पार्टी पर अब असर दिखने लगा है। झारखंड चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी को एक और झटका लगा है और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने इस्तीफा दे दिया है। चुनाव में हार के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने बुधवार को अपना इस्तीफा सौंपा। बता दें कि इस चुनाव में भाजपा को हार मिली है और जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की जीत हुई है। हेमंत दास द्वारा जारी एक पत्र के मुताबिक, विधानसभा चुनाव 2019 में उम्मीद से खराब प्रदर्शन करने की वजह से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

गौरतलब है कि झारखंड चुनाव में लक्ष्मण गिलुआ अपनी सीट भी नहीं बचा पाए थे और उन्हें चक्रधरपुर विधानसभा सीट से झामुमो के सुखराम ओरांव से हार का सामना करना पड़ा था। झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के लिए 23 दिसंबर को हुए मतगणना में चक्रधरपुर विधानसभा सीट से झामुमो के सुखराम ओरांव ने जीत दर्ज की। सुखराम ओरांव ने भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा को 12234 वोटों से हराया।

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की जाति को लेकर कथित रूप से आपत्तिजनक बयान देने के मामले में कार्यवाहक मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक अंशुमान कुमार ने बताया कि सोरेन द्वारा 19 दिसंबर को दर्ज शिकायत के आधार पर उप-संभागीय पुलिस अधिकारी अरविंद उपाध्याय ने मामले में प्रारंभिक जांच की और फिर मिहिजाम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। एसपी के अनुसार, सोरेन ने दुमका थाने में दास के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और उन पर जामताड़ा में एक चुनावी सभा में उनकी जाति पर आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगाया था। सोरेन ने कहा था, ‘उनके शब्दों से मेरी भावनाएं और सम्मान आहत हुआ। क्या आदिवासी परिवार में जन्म लेना अपराध है?’

बता दें कि राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा है। राज्य की 81 सीटों में भाजपा को केवल 25 सीटों पर जीत मिली जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले महगठबंधन को 47 सीटों पर सफलता मिली।

नई दिल्ली: झारखंड में भाजपा की हार के बाद जहां निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसके लिए अंदरूनी झगड़े को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं गोड्डा से पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने इशारों-इशारों में उनपर ही हमला करते हुए कहा कि अपनों से ज्यादा बाहरियों पर भरोसा करने की वजह से हार मिली। निशिकांत दुबे ने पार्टी हाईकमान को ईमानदार बताते हुए उम्मीद जाहिर की है कि आगे सब अच्छा होगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब रघुवर दास के रवैये, टिकट बंटवारे में गड़बड़ी और संगठनात्मक चूकों को लेकर पार्टी के कई नेता शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट भेज रहे हैं।

निशिकांत दुबे ने भी अपनी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को भेजी है। हालांकि, उन्होंने रिपोर्ट में क्या लिखा है वह सामने नहीं आया है, लेकिन फेसबुक पोस्ट में उन्होंने जो कुछ लिखा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है। दुबे ने सोशल मीडिया पर उन छह खास सीटों का हवाला दिया है, जहां भाजपा को किसी और से नहीं, बल्कि अपने ही बागियों से हार का सामना करना पड़ा है।

जमशेदपुर: विधानसभा चुनाव में सरयू राय से मिली हार के बाद रघुवर दास ने मंगलवार को जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर में समर्थकों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उनके सामने ही कार्यकर्ता आपस में उलझे गए। सोनारी एयरपोर्ट से रघुवर दास सीधे मंदिर पहुंचे, जहां बैठक शुरू होते ही उनके करीबियों पर हार का ठिकरा फोड़ते हुए कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। एक-दूसरे पर आरोप लगाने के दौरान दो कार्यकर्ता भिड़ गए और हाथापाई पर उतारू हो गए। रघुवर दास और दूसरे नेताओं के बीचबचाव से हाथापाई तो रुक गई, लेकिन विरोध के स्वर तेज होते गए।

रिश्तेदार हार के मुख्य कारण

परिवारवाद के खिलाफ बोलने वाले रघुवर दास पर उनके समर्थकों ने उन्हीं पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि पांच साल में रघुवर दास के रिश्तेदार पार्टी पर हावी होते चले गए, जिसके चलते कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटता गया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, एक कार्यकर्ता ने रघुवर दास से सवाल करते हुए कहा कि उनको अपने रिश्तेदारों की संपत्ति का आकलन करना चाहिए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख