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रांची: कोरोना को नियंत्रित करने के लिए झारखंड सरकार ने अब सख्ती का फैसला किया है। राज्य में लॉकडाउन और कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लागू नियमों का पालन नहीं करने वालों को दो साल तक की जेल हो सकती है और एक लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है। मंत्रिपरिषद की बैठक में बुधवार को झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश-2020 को स्वीकृति दे दी गई है। यानि अब सामाजिक दूरी का अनुपालन नहीं करने, मास्क नहीं पहनने, दफ्तरों और दुकानों के लिए जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकेगी। 

मंत्रिपरिषद ने फैसला लिया है कि दसवीं और 12वीं बोर्ड के प्रथम, द्वतीय और तृतीय टॉपरों को सरकार इनामी राशि बतौर पुरस्कार देगी। इसके साथ ही सरकार ने अपना नया राज्य चिह्न जारी कर दिया है। नया प्रतीक चिह्न का विन्यास वृत्ताकार है जो राज्य की प्रगति का प्रतीक है। कैबिनेट ने कुल 39 प्रस्तावों पर मुहर लगाई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि पुराने प्रतीक चिह्न में झारखंड के मायने प्रतीत नहीं होते थे। 15 अगस्त को जनता के बीच राज्य का प्रतीक चिह्न जारी किया जाएगा।

छात्रों को नगद पुरस्कार की शुरुआत हमारी पिछली सरकार में भी की गई थी, लेकिन बाद की सरकारों ने इसे बंद कर दिया था। हमने इसे दोबारा शुरू कराया है। कोरोना पर सख्ती करनी ही थी।

कैबिनेट सचिव अजय कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से लॉकडाउन के संबंध में समय-समय पर दिशा-निर्देश लागू किए जा रहे हैं। देखा जा रहा है कि लोग इसके अनुपालन में लापरवाही बरत रहे हैं, लेकिन राज्य में इस विषय से संबंधित दंड के लिए कोई एक्ट नहीं होने के कारण सरकार सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रही है। दूसरी ओर कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। अब ऐसा नहीं होगा। अधिसूचना जारी होते ही झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश-2020 लागू हो जाएगा। इसके बाद मास्क नहीं पहनने, सामाजिक दूरी का उल्लंघन कर भीड़ लगाने और लॉकडाउन के अन्य प्रावधानों की अवहेलना करने वालों को दो साल तक की जेल की सजा हो सकती है। एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। 

12वीं के टॉपर को तीन, 10वीं टॉपर को एक लाख इनाम

कैबिनेट के निर्णय के अनुसार 10वीं के जैक, सीबीएसई और एआईएसएससी हरेक बोर्ड के प्रथम टॉपर को एक लाख, द्वितीय टॉपर को 75 हजार और तृतीय टॉपर को 50 हजार रुपये नगद इनाम दिया जाएगा। इसी प्रकार 12वीं बोर्ड के साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स हरेक संकायों में तीनों बोर्ड के प्रथम टॉपर को तीन लाख, द्वितीय को दो लाख और तृतीय टॉपर को एक-एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। टॉपर श्रेणी में समान अंक वालों की संख्या एक से अधिक हो सकती है। 

183 मदरसों को बकाया भुगतान की मंजूरी   

कैबिनेट ने राज्य के 183 अराजकीय प्रस्वीकृति प्राप्त (वित्त सहित) मदरसों के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के अनुदान भुगतान की स्वीकृति दे दी है। मदरसों को 2017-18 से 2018-2019 का 65.50 करोड़ पुराना बकाया और 22 करोड़ मौजूदा वित्त वर्ष का भुगतान किया जाएगा। साथ ही मदरसों को वर्णित शर्तों को 31 मार्च 2021 तक पूरा करना होगा। इसके अलावा झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद रांची का पूर्ण विलय की स्वीकृति दी गई। झारखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय शुरू होने के कारण राज्य प्रावैधिक शिक्षा परिषद की जरूरत नहीं है। उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग अंतर्गत विश्व बैंक संपोषित पॉलिटेक्निक शिक्षा सुदृढ़ीकरण परियोजना के अंतर्गत संविदा के आधार पर नियुक्त शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों का वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई। इनमें छह से सात शिक्षक और 66 से 67 शिक्षकेतर कर्मी हैं। 

सरकार का नया प्रतीक चिह्न मंजूर, 15 को होगा जारी

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में झारखंड सरकार के नए प्रतीक चिह्न को मंजूरी दी गई है। नया राज्य चिन्ह का विन्यास वृत्ताकार है जो राज्य की प्रगति का प्रतीक है। वृत्तीय आकार के प्रतीक चिह्न में सबसे पहले बाहर की तरफ गोलाई में झारखंड सरकार लिखा है। इसके बाद हाथी है। फिर पलाश के फूल हैं। इसके बाद सौरा चित्रकारी दिखाई देगी। वृत के मध्य में अशोक स्तंभ है। 

नए प्रतीक चिन्ह की विशेषता

हरा रंग: झारखंड की हरी-भरी धरती और वन संपदा को प्रतिबिंबित करता है

हाथी: राज्य के ऐश्वर्य और प्रचूर प्राकृतिक संसाधनों और समृद्धि को दर्शाता है

पलाश का फूल: प्राकृतिक सौंदर्य का परिचायक है

सौरा चित्रकारी: राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रतिबिंबित करता है

अशोक स्तंभ: राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न होने के साथ ही उपबंधित शक्तियों के साथ राज्य की संप्रभुता शक्ति का द्योतक है  और देश के विकास में झारखंड की भागीदारी को भी प्रदर्शित करता है 

 

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