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रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पश्चिमी सिंहभूम में सात ग्रामीणों के नरसंहार से व्यथित होकर अपने मंत्रिमंडल विस्तार को फिलहाल टालने का निर्णय लिया है। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री ने गुरुवार (23 जनवरी) शाम राज्यपाल से मुलाकात कर विस्तार से बातचीत की और शपथ ग्रहण के लिए उन्होंने नई तिथि तय करने का आग्रह किया जिसके बाद राज्यपाल ने नए मंत्रियों का शपथग्रहण टाल दिया है। राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मुख्यमंत्री के अनुरोध को स्वीकार करते हुए फिलहाल नए मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह को स्थगित कर दिया है।

उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्यपाल ने नए मंत्रियों के शपथग्रहण के लिए कोई नई तिथि नहीं निर्धारित की है क्योंकि शपथग्रहण के लिए नयी तिथि का मुख्यमंत्री को ही नए सिरे से आग्रह करना होगा। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिले के तहत गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में हुई सात ग्रामीणों की निर्मम हत्या से उनका मन व्यथित है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार (24 जनवरी) को अपने मंत्रिपरिषद् विस्तार का फैसला किया था और इसमें आठ नए मंत्रियों को शामिल किया जाना था।

इसे देखते हुए राजभवन में दोपहर एक बजे शपथग्रहण समारोह आयोजित होना था। लेकिन देर शाम राजभवन के सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल मुख्यमंत्री के आग्रह पर विचार कर रही हैं और नए मंत्रियों के शपथग्रहण के लिए आगे नई तिथि तय की जाएगी।

मुख्यमंत्री 22 जनवरी को दिल्ली से वापस लौटने के बाद गुरुवार (23 जनवरी) को पत्थलगड़ी का विरोध करने वाले सात ग्रामीणों के नरसंहार से तनावग्रस्त बुरुगुलीकेरा गांव पहुंचे थे जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।

इससे पहले झारखंड विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री और उनके साथ कांग्रेस के दो एवं राजद के एक विधायक ने मोराबादी मैदान में 29 दिसंबर को आयोजित विशाल शपथ ग्रहण समारोह में शपथग्रहण की थी। विधानसभा चुनावों में 81 निर्वाचित विधायकों में झामुमो को 30 सीटें जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस को 16 तथा राजद को एक सीट मिली थी।

सत्ताधारी भाजपा इन चुनावों में सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई थी, जबकि उसने 2014 के विधानसभा चुनावों में 37 सीटें जीती थीं और अपने सहयोगी आज्सू की पांच सीटों को मिलाकर 42 विधायकों के समर्थन से राज्य में सरकार का गठन किया था।

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