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चेन्नई: अन्नाद्रमुक पार्टी के मुख्यालय से पार्टी महासचिव वी के शशिकला वाले बैनर हटा दिए गए हैं। विपक्षी पनीरसेल्वम खेमे के पार्टी कार्यालय की ‘पवित्रता कायम रखने’ की मांग करने के एक दिन बाद यह कदम उठाया गया है। पनीरसेल्वम खेमे ने इसे ‘सकारात्मक कदम’ बताते हुए इसका स्वागत किया है। बैनर आज सुबह कार्यालय से हटाए गए हैं। कल पनीरसेल्वम नेतृत्व वाले खेमे के ‘प्रेसिडियम चेयरमैन’ ई मधुसूदन ने पार्टी कार्यालय की ‘पवित्रता कायम रखने’ के लिए अन्नाद्रमुक मुख्यालय से शशिकला के बैनर हटाने की मांग की थी। पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक के मीडिया समन्वयक के स्वामीनाथन ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘यह निश्चित तौर पर एक सकारात्मक कदम है।’’ उन्होंने कहा कि मधुसूदन की ‘निरंतर’ अपील के बाद यह कदम उठाया गया है और ‘‘हम बहुत खुश है कि कार्यकर्ताओं ने बैनर हटाने का निर्णय लिया है।’’ पनीरसेल्वम ने कहा था कि दोनों खेमों में वार्ता के लिए ‘अनुकूल’ माहौल विकसित हो रहा है।

नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर करीब एक महीने से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने रविवार को अपना आंदोलन ‘अस्थायी’रूप से स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी से मुलाकात के बाद किसानों ने अपना आंदोलन स्थगित किया। किसान 25 अप्रैल को तमिलनाडु में प्रदेशव्यापी बंद में शामिल होंगे। पलानीस्वामी ने किसानों को भरोसा दिया है कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी। किसानों के नेता अय्यक्कन्नू ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारी मांगों पर फैसला करने का अधिकार मुख्यमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री के पास है। अपने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के आधार पर हमने आंदोलन एक महीने के लिए स्थगित करने का फैसला किया है। ’उन्होंने कहा, ‘अगर वायदे पूरे नहीं किए गए तो हम 25 मई को राष्ट्रीय राजधानी में बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे। ’उन्होंने कहा कि तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एम के स्टालिन, एमडीएमके नेता प्रेमलता विजयकांत, तमिल मनीला कांग्रेस प्रमुख जी के वासन और भाजपा के पी राधाकृष्णन के आश्वासनों के आधार पर भी यह फैसला किया गया। किसान पिछले 41 दिनों से यहां आंदोलनरत थे। वे 40,000 करोड़ रुपए के सूखा राहत पैकेज, फसल ऋण माफी और कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना की मांग कर रहे हैं।

नई दिल्ली: तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता के निधन के बाद से अन्नाद्रमुक के हुए दो धड़े के बीच सुलह का रास्ता निकल लगभग तय हो गया है। इसके तहत ओ पन्नीरसेल्वम को राज्य के मुख्यमंत्री का पद और वर्तमान सीएम ई के पलानीस्वामी को शशिकला की जहग पर पार्टी का महासचिव बनाया जा सकता है। एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, अन्नाद्रमुक के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि विलय का समझौता हो गया है, अब दोनों धड़ों के वरिष्ठ नेताओं के बीच फैसले पर अंतिम मुहर और उसकी घोषणा के लिए एक औपचारिक वार्ता शुरू होगी। पलानीस्वामी पन्नीरसेल्वम के लिए सीएम की कुर्सी खाली करेंगे और पार्टी प्रमुख बनेंगे। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर के ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा पड़ृा था, संभवतः उनको कैबिनेट से हटाया जा सकता है। राज्य के दक्षिणी क्षेत्र से पूर्व मंत्री और विधायक सेंथिल बालाजी के साथ एक या दो चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि नए मंत्रिमंडल में बालाजी को भास्कर की जगह पर लिया जा सकता है। गौरतलब है कि बालाजी ने शुक्रवार को भास्कर और लोकसभा के उपसभापति एम थम्बीदुरै के खिलाफ भूख हड़ताल करने की घोषणा की थी। उन पर करूर में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण में विलंब कराने का आरोप है, इस मेडिकल कॉलेज की घोषणा जयललिता ने की थी।

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बुधवार रात अन्नाद्रमुक नेता और शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन को अपनी पार्टी के लिए दो पत्तियों का चुनाव चिह्न पाने की कोशिश के तहत चुनाव आयोग के अधिकारी को रिश्वत देने के मामले में समन थमाया। हालांकि पता नहीं चला है कि दिनाकरन को कब अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। सहायक आयुक्त संजय और एक और अधिकारी ने यहां बसंत नगर स्थित उनके आवास पर दिनाकरन को समन दिया। दिल्ली पुलिस के अधिकारी करीब 20 मिनट तक दिनाकरन के आवास पर रहे। उन्होंने जाते समय वहां इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से बात नहीं की। इस बीच तनाव का माहौल भी बनने लगा जहां एक पार्टी कार्यकर्ता ने पुलिस का विरोध दर्ज करने के लिए कथित तौर पर आत्मदाह का प्रयास किया। अन्य कार्यकतार्ओं और सादी वदीर् में तैनात पुलिस वालों ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया। अन्नाद्रमुक (अम्मा) के उप महासचिव पहले से परेशानी का सामना कर रहे हैं क्योंकि मंगलवार रात पलानीस्वामी मंत्रिमंडल ने दिनाकरन के खिलाफ बागी स्वर अपनाते हुए उन्हें और उनके परिवार को पार्टी और सरकार से बाहर रखने का निर्णय किया।

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