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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु राज्य सरकार से कहा है कि लोन डिफाल्टर हुए किसानों पर कोई कठोर कार्रवाई ना करें। कोर्ट ने कहा कि ऐसे किसानों से लोन रिकवरी के लिए तय प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। मुआवजा देने से ज्यादा जरूरी ऐसे मामलों पर रोकथाम करने की जरूरत है। ऐसा कोई तरीका होना चाहिए जिससे कठोर एक्शन होने पर किसान सरकार से संपर्क कर सकें। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि बिचौलियों से कैसे छुटकारा पाओगे। कोर्ट इस पर भी सुनवाई करेगा। चार अगस्त को अगली सुनवाई होगी। बिचौलियों से किसानों को बचाने के लिए सरकार गांवों तक पहुंचे और देखे कि सरकार खुद उत्पादों को खरीदे या फिर सरकारी अफसर देखें कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मिले। पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को कहा था कि वो फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में किसानों को जागरूक करे ताकि प्रदेश के किसान इसका लाभ उठा सकें और वो मंडी में सही दाम पा सकें। सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश एमिक्स क्यूरी की दलील पर दिए थे जिसमें कहा गया कि ज्यादातर किसानों को इसके बारे में जानकारी नहीं है और 35 फीसदी किसान ही इसका लाभ उठा पा रहे हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने तमिलनाडु विधानसभा में 18 फरवरी को हुए विश्वास मत में मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी द्वारा जीत दर्ज करने से संबंधित मामले से आज खुद को अलग कर लिया। पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के करीबी माने जाने वाले अन्ना द्रमुक विधायक के. पंडियाराजन ने याचिका दायर कर इस आधार पर विधानसभा में विश्वास मत को रद्द करने की मांग की कि विधायकों ने दबाव में आकर वोट दिया था। वेणुगोपाल ने न्यायालय को बताया कि उन्होंने पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के एक धड़े को कानूनी सलाह दी थी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की एक पीठ ने वेणुगोपाल से कहा कि वह सोलिसिटर जनरल रंजीत कुमार को सूचित करें। पीठ ने कहा, मामले से अलग होने के बारे में सोलिसिटर जनरल को सूचित करें। उनसे मामले में मदद करने के लिए पूछें। न्यायालय ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख तय कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने पांच जुलाई को अटॉर्नी जनरल से अन्नाद्रमुक विधायक की यााचिका पर गौर करने में मदद करने के लिए कहा था।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसमें हाई कोर्ट ने राज्यों के सभी किसानों के कर्ज माफ़ी का आदेश दिया था। इससे पहले तमिलनाडु में किसानों को बड़ी राहत देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने किसानों की कर्ज माफी के आदेश दिया था। हाई कोर्ट के फैसले को तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी थी। मद्रास हाईकोर्ट ने नोटिफिकेशन को रद्द करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि को-ऑपरेटिव बैंक से किसानों ने जो कर्ज लिए हैं उन्हें माफ किया जाए। इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने नोटॉफिकेशन जारी कर सिर्फ उन किसानों का कर्ज माफ किया था जिनके पास पांच एकड़ तक जमीन थी। सरकार का कहना था कि पांच एकड़ से कम जमीन की जो शर्तें रखीं गईं थी, उसे कोर्ट ने खत्म करने को कहा है। इसके अलावा मद्रास हाईकोर्ट ने साफ कहा था कि कि जो किसान, कर्ज चुकता नहीं कर पाए हैं उनके साथ कोई सख्ती नहीं हो। हाईकोर्ट के इस आदेश से तमिलनाडु सरकार के खजाने पर 1980 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेग।

उधगमंडलम: दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के कोडानाडु एस्टेट से जुड़े एक और व्यक्ति की मौत हो गई। इसका एक एकाउंटेंट आज (सोमवार) यहां अपने घर में फांसी पर लटका मिला। पुलिस ने कहा कि 28 वर्षिय दिनेश कुमार रहस्यमयी परिस्थितियों में कोथागिरि में अपने घर में पंखे से लटका मिला। इस मौत से करीब दो महीने पहले यहां पास के एस्टेट बंगले के एक सुरक्षागार्ड का 24 अप्रैल की एक गिरोह ने हत्या कर दी थी और सडक हादसे में एक संदिग्ध की बाद में मौत हो गई थी। एक अन्य संदिग्ध एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था लेकिन उसकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई थी। पुलिस ने कहा कि जयललिता के विश्राम गह एस्टेट से जुड़े तीन में से एक एकाउंटेंट कुमार के शव को कोथागिरि सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहां पोस्टमार्टम कल होगा। पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि कहा जा रहा है कि एस्टेट में कुमार और कुछ अन्य कर्मियों ने दो दिन पहले इस एस्टेट के प्रबंधन में बदलाव की संभावना पर अपनी नौकरी के भविष्य के बारे में बात की थी।

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