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चेन्नई: तूतीकोरिन में पिछले दिनों हुई पुलिस फायरिंग में 11 लोगों के मारे जाने की घटना के विरोध में राज्य सचिवालय में प्रदर्शन के दौरान द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को आज हिरासत में ले लिया गया। इस बीच, मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने हिंसा 'भड़काने’ के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया। चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर तूतीकोरिन में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा एवं आगजनी के कारण पलानीस्वामी के इस्तीफे और राज्य के पुलिस प्रमुख टी के राजेंद्रन की बर्खास्तगी की मांग करते हुए स्टालिन ने फोर्ट सेंट जॉर्ज कॉम्प्लेक्स में पार्टी विधायकों के साथ धरना दिया।

पुलिस की ओर से सचिवालय परिसर से प्रदर्शनकारियों को हटाए जाने के बाद भी उन्होंने फोर्ट सेंट जॉर्ज के ठीक सामने स्थित राजाजी सलाई में अपना प्रदर्शन जारी रखा। हमें इंसाफ चाहिए और 'सरकार शर्म करो’ जैसे नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने पलानीस्वामी सरकार के तत्काल इस्तीफे की मांग की।

चैन्नई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी का मामला अब तूल पकड़ते जा रहा है और चारों ओर से सरकार से यही सवाल पूछे जा रहे हैं कि आखिर पुलिस को फायरिंग के आदेश किसने दिये। 22 मई को हुई गोलीबारी में न सिर्फ मरने वालों की संख्या बढ़ी है, बल्कि करीब 70 लोग अभी भी गायल बताए जा रहे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। हालांकि, घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट को भी निलंबित कर दिया गया है। इस इंटरनेट सेवा को कल रात यानी बुधवार की रात 9 बजे से सस्पेंड किया गया है। स्टलाइट हिंसा मामले में अभी तक 67 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। स्टरलाइट यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की मौत पर अब डीएमके ने बंद बुलाया है। डीएमके ने 25 मई को एआईएडीएमके की सरकार के खिलाफ 25 मई के राज्य व्यापी बंद का आह्वान किया है। साथ ही डीएमके यह भी मांग करेगी कि तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर प्लांट को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाए।

नई दिल्ली: तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में वेदांता समूह की कंपनी इकाई स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के खिलाफ महीनों से चल रहा प्रदर्शन मंगलवार को उस दौरान और हिंसक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी कर दी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस फायरिंग में 11 लोगों की मौत हो गई जब्कि 60 लोग घायल बताए जा रहे हैं। मदरास हाईकोर्ट में आज इस मामले पर सुनावई भी होनी है। वहीं कल हई गोलीबार के चलते जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और धारा 144 लगा दी गई है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने इस घटना के जांच के आदेश दे दिए हैं। मंगलवार को पलानीस्वामी ने कहा कि तूतीकोरिन में वेदांता समूह की इकाई स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में नौ प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी क्षेत्र में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर कलेक्ट्रेट की तरफ जुलूस निकाल रहे थे।

चैन्न्ई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीसामी ने बताया कि तूतीकोरिन में मंगलवार को पुलिस कार्रवाई में 9 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने इस हिंसा को लेकर न्यायिक जांच के आदेश दिये है। पलानीसामी ने प्रदर्शनकारियों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि लोग उस इलाके में निषेधाज्ञा आदेश का उल्लंघन कर कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने एक बयान में बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ना सिर्फ पुलिसवालों पर पत्थर फेंके बल्कि कलेक्ट्रेट के बाहर खड़ी उनकी गाड़ियों को उन लोगों ने आग के हवाले भी कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर के कार्यालय पर पत्थर फेंके। गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे पलानीसामी ने कहा- “प्रदर्शनकारियों की तरफ से लगातार की जा रही हिंसा के बाद पुलिस को लोगों के जानमाल की सुरक्षा के चलते यह कदम उठाना पड़ा। पुलिस को हिंसा पर काबू पाना था।” घटना को लेकर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए पलानीसामी ने कहा- मुझे इस बात को जानकार काफी दुख हुआ है कि इसमें नौ लोगों की मौत हो गई।

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