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चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ विवादित टिप्पणी के आरोप में बुधवार को पुलिस ने तमिल साहित्यकार और वक्ता नीलई कन्नन को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले तमिलनाडु भाजपा ने उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हुए बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। हंगामा बढ़ता देखकर पुलिस ने पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एच राजा, पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन, एल गणेशन और सीपी राधाकृष्णन सहित कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया। प्रदर्शन का आयोजन मरीना बीच फ्रंट पर गांधी की प्रतिमा के निकट आयोजित किया गया।

पुलिस ने कहा कि उसने किसी को भी मरीना बीच पर या उसके आसपास प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। तिरुनेवेली में शनिवार को सीएए के खिलाफ सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया की एक सभा में कन्नन के कथित भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। भाजपा ने उन्हें गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने के लिये पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

चेन्नई: तमिल लेखक और कांग्रेस नेता नेल्लई कन्नन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमिह शाह के खिलाफ दिए गए एक विवादित बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा जहां उनके बयान पर भड़क गई है तो वहीं, तिरुनेलवेली पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में रविवार को आयोजित एक सभा में नेल्लई ने कहा था कि अल्पसंख्यकों को पीएम मोदी और अमित शाह की हत्या कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद थी कि कोई साहेब प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री शाह को खत्म कर देंगे, लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया।' उन्होंने अमित शाह को लेकर आरोप लगाया कि शाह प्रधानमंत्री मोदी को कंट्रोल कर रहे हैं।

कन्नन के विवादित बयान के एक दिन बाद भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एच राजा ने तमिलनाडु पुलिस ने कन्नन को गिरफ्तार करने की मांग की थी। एक ट्वीट में एच राजा ने कहा कि कांग्रेस नेता नेल्लई कन्नन ने अपने भाषण में पीएम और गृहमंत्री को खत्म करने के लिए मुसलमानों को उकसाया है। मैंने तमिलनाडु पुलिस के महानिदेशक से व्हाट्सएप पर और ऑनलाइन भी शिकायत की है।

चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने अनियमितताओं के आरोप में तीन जजों को पद से हटा दिया है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने आठ अन्य के सेवा विस्तार पर रोक लगा दी है। पहली बार हाईकोर्ट ने एक जिला जज के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून 1988 के तहत आपराधिक मामले में अभियोजन की इजाजत दे दी है। कोर्ट के आदेश के बाद एक अन्य जज के पांच वेतनवृद्धियों पर रोक लगा दी है। इस दौरान उन पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसलों से सबॉर्डिनेट जूडिशरी में भ्रष्टाचार और अकुशलता को लेकर सख्त संदेश दिया है।

वर्तमान में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल मद्रास हाईकोर्ट में मुख्य न्यायधीश हैं। उनके नेतृत्व में ही इन न्यायिक अधिकारियों पर अनियमितताओं का आरोप लगने के बाद कार्रवाई की गई है। नमक्कल की पूर्व एडिशनल जिला जज एस मंविझी के खिलाफ अनियमितताओं का केस चलेगा। कोर्ट ने उन्हें सेवानिवृत होने की इजाजत नहीं दी है। उनके खिलाफ कई अनियमितताओं में संलिप्त होने को लेकर मामला चलाया जाएगा। मंविझि के अलावा जिन दो अन्य न्यायधीशों को हटाया गया है उनमें कृष्णागिरि के पूर्व जूडिशल मैजिस्ट्रेट के विजयकुमार और रामनाथपुरम के पूर्व मुख्य टी पोनप्रकाश शामिल हैं।

नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून को लेकर पूर्वोत्तर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अब प्रदर्शन की आंच दक्षिण भारत तक पहुंच गई है। मद्रास यूनिवर्सिटी में मंगलवार शाम छात्रों ने नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इसके अलावा दिल्ली के गुरु गोबिंद सिंह यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। नागरिकता कानून को लेकर देशभर की कई यूनिवर्सिटीज में विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, लखनऊ के नदवा कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी समेत कई यूनिवर्सिटीज में प्रदर्शन हो रहे हैं।

मंगलवार को पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर और जाफराबाद इलाके में कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए। इस प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कराई है। वहीं, मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए मौलाना आजाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एमएएनयूयूटीए) ने विश्वविद्यालय परिसर में शांतिपूर्ण मार्च निकाला।

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