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चेन्नई: सीएए पर देशभर में हो रहे विरोध के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि भारत ने छह साल में 3,924 शरणार्थियों को नागरिकता दी है। इनमें पाकिस्तान से 2,838, अफगानिस्तान से 914 और बांग्लादेश से आए 172 शरणार्थी शामिल हैं। इनमें मुस्लिम शरणार्थी भी शामिल हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि 1964 से 2008 तक 4 लाख से ज्यादा श्रीलंकाई तमिलों को भारतीय नागरिक बनाया गया।

सीएए पर आयोजित एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 566 मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता दी गई थी। सिर्फ 2016-18 में मोदी सरकार ने 1,595 पाकिस्तानी शरणार्थियों और 391 अफगानी मुस्लिमों को नागरिकता दी है। सीएए से मुस्लिमों को बाहर रखने पर हो रहे विरोध पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, 2016 में ही पाकिस्तान से आए गायक अदनान सामी को नागरिकता दी गई, जो अपने आप में उदाहरण हैं। वहीं बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन को भी नागरिकता दी गई।

नई दिल्ली: तमिलनाडु में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) और कांग्रेस के बीच असहमति की वजह से उनके गठबंधन में बना तनाव का माहौल उस समय नए गर्त में पहुंच गया, जब डीएमके के एक नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को इस बात की 'कतई परवाह नहीं' है कि कांग्रेस गठबंधन छोड़ देगी। स्थानीय निकाय चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे में डीएमके द्वारा गठबंधन धर्म नहीं निभाए जाने के कांग्रेस के एक नेता के आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया में डीएमके के कोषाध्यक्ष दुरई मुरुगन ने बुधवार को यह टिप्पणी की।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "अगर वे गठबंधन छोड़ते हैं, तो छोड़ने दीजिए। क्या नुकसान है? हमें परवाह नहीं, अगर कांग्रेस गठबंधन छोड़ देती है। कम से कम मुझे तो कतई परवाह नहीं।" यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की गैर-मौजूदगी में डीएमके का वोट प्रतिशत घटेगा, दुरई मुरुगन ने कहा, "नहीं, हरगिज़ नहीं, बल्कि अगर उनका (कांग्रेस का) कोई वोट शेयर होगा, तो हमारा घट जाएगा।" इस टिप्पणी पर कांग्रेस के सांसद कार्ती चिदम्बरम ने भी त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए सवाल किया, "यह समझ वेल्लोर के संसदीय उपचुनाव से पहले क्यों नहीं आई?"

चेन्नई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने भारतीयों जैसे भोले-भाले लोग कहीं नहीं देखे, जो सरकार के उसके कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को लेकर किये गए दावों पर विश्वास कर लेते हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिदंबरम ने एक साहित्यिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ''मैंने भारतीयों जैसे मासूम लोग कभी नहीं देखे। यदि समाचार पत्रों में कुछ छप जाता है (और उन्होंने दो अखबारों के नाम भी लिये) तो हम उस पर विश्वास कर लेते हैं।'' उन्होंने कहा कि जैसे कि इन दावों पर यकीन किया गया कि देश के सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है और भारत के 99 प्रतिशत परिवारों के लिये शौचालय बना दिये गए हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा ही कुछ आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या पीएम-जेएवाई केंद्र की एक प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल योजना है) के मामले भी हुआ। चिदंबरम ने कहा कि उनके कार चालक के पिता का आपरेशन इस योजना के तहत होना था। हालांकि ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा, ''मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारे पास आयुष्मान कार्ड है। उसने एक कार्ड दिखाया तो मैंने उससे कहा कि इसे (अस्पताल) ले जाओ।''

चेन्नई: बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण इन दिनों जेएनयू दौरे और अपनी फिल्म 'छपाक' को लेकर सुर्खियों में हैं। जेएनयू जाने पर विरोधों का सामना कर रहीं दीपिका पादुकोण पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ताजा हमला बोला है। स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कहा कि दीपिका पादुकोण की पॉलिटिक्स क्या है, यह सभी जानते हैं। मंत्री ने आगे कहा कि दीपिका ने अपना राजनीतिक झुकाव साल 2011 में साफ कर दिया था, उस वक्त उन्होंने कांग्रेस को सपोर्ट किया था। गौरतलब है कि जेएनयू हिंसा के खिलाफ दीपिका पादुकोण जेएनयू गई थीं।

एक कार्यक्रम के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि मुझे लगता है कि जिसने भी यह खबर (दीपिका का जेएनयू दौरा) पढ़ी होगी, वे सभी जानते हैं कि आप उनलोगों के साथ खड़ी हुईं, जो हमेशा सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने पर खुशियां मनाते हैं। यह हमारे लिए हैरानी की बात नहीं है कि वह उन लोगों के साथ खड़ी हुईं, जो भारत के टुकड़े करना चाहते हैं।

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