ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

चेन्नई: कोरोना के खिलाफ जंग में लगे डॉक्टर्स के खिलाफ अशोभनीय व्यवहार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल के बाद अब तमिलनाडु में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर के साथ दुर्व्यवहार किया गया है। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के एक स्थानीय सरकारी अस्पताल के कोरोना वॉर्ड में भर्ती एक कोविड-19 के मरीज ने रविवार को डॉक्टर पर थूक दिया। जिसके बाद उस शख्स के खिलाफ हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया गया है।

इससे पहले, हिमाचाल प्रदेश से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी जब एक कोरोना संक्रमित शख्स ने दूसरे व्यक्ति पर थूक दिया था। इसके बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस ने चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति अगर किसी दूसरे शख्स पर थूकेगा तो उस पर हत्या के प्रयास का मामला चलेगा। राज्य के पुलिस महानिदेशक सीता राम मरदी ने एक सख्त चेतावनी में कहा कि इस कृत्य से अगर व्यक्ति को कोरोना वायरस होता है और बाद में उसकी मृत्यु हो जाती है तो दोषी पर हत्या का मामला चलेगा।

चेन्नई: देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। इसी बीच तमिलनाडु के यगप्पा नगर क्षेत्र में एमजीआर स्ट्रीट में दिहाड़ी मजदूरों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लॉकडाउन की वजह से उनके पास जरूरी सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। एमजीआर स्ट्रीट को कोविड-19 के कंटेनमेंट जोन के रूप में घोषित करके सील कर दिया गया है।

सूरत में भी सड़क उतरे मजदूर

इससे पहले सूरत में लॉकडाउन से परेशान सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने शुक्रवार रात उग्र होकर सड़कों पर उतर आए। ये लोग उन्हें वापस उनके घर भेजने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे। अपने उग्र प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने कई वाहन भी फूंक डाले। पुलिस ने आगजनी करने वालों को खदेड़कर स्थिति को अपने काबू में ले लिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात सूरत के लसकाना इलाके में लॉकडाउन से परेशान होकर सैकड़ों प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे।

चेन्नई: लॉकडाउन के 21 दिन शराब की लत पाले लोगों के लिए बेहद मुश्किल हो गए हैं। तमिलनाडु में शराब के लिए बेचैन ऐसे ही तीन लोगों की जान चली गई है। शराब नहीं मिली तो तीनों ने वार्निश मिला हुआ पेंट पी लिया था। घटना तमिलनाडु के छेनगालपट्टू की है। रविवार को शिवशंकर, प्रदीप और शिवारमण को सरकारी अस्पताल में लाया गया। तीनों उल्टी कर रहे थे और उनकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। एक के बाद एक तीनों ने ही दम तोड़ दिया।

पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला कि इन्हें शराब की लत थी। लॉकडाउन की वजह से वे कई दिनों से शराब नहीं पी सके थे और इसकी तलाश में थे। बेचैनी में उन्होंने वार्निश के साथ मिलाकर पेंट ही पी लिया। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन है। जरूरी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी पर रोक है। तमिलनाडु सरकार ने पिछले सप्ताह 14 अप्रैल तक शराब की दुकानों को भी बंद रखने का फैसला किया।

चेन्नई: तमिलनाडु में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर मुसलमानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए शुक्रवार (21 फरवरी) को कहा कि वे ऐसी कोई चीज नहीं होने देंगे जो अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाए। पार्टी ने चिर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक पर दुष्प्रचार करके भ्रम पैदा करने का आरोप भी लगाया। अन्नाद्रमुक ने कहा कि राज्य की के पलानीस्वामी सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर कहा है कि आगामी जनगणना की प्रक्रिया में कुछ सूचनाओं और आधार जैसे दस्तावेजों से बचना चाहिए।

पार्टी का इशारा परोक्ष रूप से एनपीआर की प्रक्रिया के कुछ पहलुओं को लेकर उठ रही आशंका की ओर था। पार्टी ने सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने की अपील करते हुए दिए बयान में कहा, ''तमिलनाडु में किसी अल्पसंख्यक भाई और बहन के साथ अन्याय नहीं होगा। सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होने देगी। अन्नाद्रमुक मुस्लिम समुदाय के लिए हमेशा सच्ची दोस्त रहेगी।"

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख