चेन्नई: चक्रवात निवार के तमिलनाडु पहुंचने से एक दिन पहले ही चेन्नई सहित राज्य के कई हिस्सों में मंगलवार को भारी बारिश हुई। तमिलनाडु सरकार ने चक्रवात निवार को देखते हुए राज्य में बुधवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात के 25 नवंबर की देर शाम ममल्लापुरम और कराईकल के बीच 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। मौसम विभाग की माने तो चेन्नई, कडलोर, पुदुकोट्टई, नागपट्टिनम और विल्लुपुरम सहित तटीय क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा की संभावना है।
चक्रवात को देखते हुए राज्य में एक दर्जन से अधिक बचाव दल की तैनाती की गई है। जिनमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और तट रक्षक शामिल हैं। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त फणींद्र रेड्डी ने कहा है कि चक्रवात को देखते हुए हमने पूरी तैयारी कर रखी है। हालांकि, साल 2018 में गाजा और 2016 में वरदा चक्रवात और भारी बारिश के बाद तमिलनाडु को काफी कुछ सीखने को मिला है। लेकिन कोरोना वायरस के कारण इस बार परिस्थिति थोड़ी अलग है।
रेड्डी ने कहा कि हम यह नहीं चाहते हैं कि राहत शिविर कोरोना के लिए सुपर स्प्रेडर्स बन जाएं।
इसलिए शिविर में कोरोना के लक्षणों के लिए लोगों की जांच की जाएगी। रेड्डी ने कहा कि मंगलवार शाम तक लगभग 1000 लोगों को वहां से दूसरे जगह भेज दिया गया, जब तक चक्रवात तट के पास पहुंचेगा तब तक वहां बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने की संभावना है। चक्रवात को देखते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने बुधवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करते हुए लोगों से घर में ही रहने का आग्रह किया है।
हालांकि, राज्य में आवश्यक सेवाओं का संचालन जारी रहेगा ताकि चक्रवात के कारण आम लोगों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। मु्ख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि चक्रवात को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी से बात की है और हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया है।