चेन्नई: देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। इसी बीच तमिलनाडु के यगप्पा नगर क्षेत्र में एमजीआर स्ट्रीट में दिहाड़ी मजदूरों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि लॉकडाउन की वजह से उनके पास जरूरी सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। एमजीआर स्ट्रीट को कोविड-19 के कंटेनमेंट जोन के रूप में घोषित करके सील कर दिया गया है।
सूरत में भी सड़क उतरे मजदूर
इससे पहले सूरत में लॉकडाउन से परेशान सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने शुक्रवार रात उग्र होकर सड़कों पर उतर आए। ये लोग उन्हें वापस उनके घर भेजने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे थे। अपने उग्र प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने कई वाहन भी फूंक डाले। पुलिस ने आगजनी करने वालों को खदेड़कर स्थिति को अपने काबू में ले लिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार रात सूरत के लसकाना इलाके में लॉकडाउन से परेशान होकर सैकड़ों प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए थे।
वह अपने घरों को लौटने के लिए समुचित व्यवस्था किए जाने और उनके बकाये का जल्द से जल्द भुगतान करने की मांग कर रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे इनमें से कुछ मजदूरों ने अपने गृह राज्य लौटने देने की मांग करते हुए वहां रखे हाथ ठेलों और दूसरे वाहनों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की। उग्र प्रदर्शन को रोकने के लिए पहुंची पुलिस ने कुछ मजदूरों को मौके से हिरासत में ले लिया। तब कहीं जाकर स्थिति काबू में आई।
बता दें कि लॉकडाउन के कारण यहां कई प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार को उन्हेंं अपने घर अपने गांव लौटने की अनुमति देना चाहिए। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आगजनी की घटना ठीक एक दिन में हुई है।