चेन्नई: तमिलनाडु में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर मुसलमानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने समुदाय तक पहुंच बनाने का प्रयास करते हुए शुक्रवार (21 फरवरी) को कहा कि वे ऐसी कोई चीज नहीं होने देंगे जो अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाए। पार्टी ने चिर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक पर दुष्प्रचार करके भ्रम पैदा करने का आरोप भी लगाया। अन्नाद्रमुक ने कहा कि राज्य की के पलानीस्वामी सरकार ने केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर कहा है कि आगामी जनगणना की प्रक्रिया में कुछ सूचनाओं और आधार जैसे दस्तावेजों से बचना चाहिए।
पार्टी का इशारा परोक्ष रूप से एनपीआर की प्रक्रिया के कुछ पहलुओं को लेकर उठ रही आशंका की ओर था। पार्टी ने सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने की अपील करते हुए दिए बयान में कहा, ''तमिलनाडु में किसी अल्पसंख्यक भाई और बहन के साथ अन्याय नहीं होगा। सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होने देगी। अन्नाद्रमुक मुस्लिम समुदाय के लिए हमेशा सच्ची दोस्त रहेगी।"
अन्नाद्रमुक के शीर्ष नेताओं मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के बयान यहां और राज्य के कुछ हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ ताजा प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में आए हैं।
उत्तर चेन्नई के ओल्ड वाशरमैनपेट में 14 फरवरी से सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। सोशल मीडिया में इस जगह को 'चेन्नई का शाहीन बाग' कहा जा रहा है। अन्नाद्रमुक के समन्वयक पनीरसेल्वम और संयुक्त समन्वयक पलानीस्वामी ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि 2010 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में एनपीआर हुआ था जिसमें द्रमुक प्रमुख घटक दल था।