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तंजावुर: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि यह पूर्वानुमान कठिन है कि पाकिस्तान के साथ किसी युद्ध की परिस्थिति उत्पन्न होगी या नहीं लेकिन सेना के सभी अंग किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। शीर्ष जनरल यहां सुखोई-30 एमकेआई की स्क्वाड्रन की तैनाती को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच किसी युद्ध की आशंका को लेकर पूछे गए एक सवाल का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सेना के सभी अंगों को किसी भी उभरने वाली चुनौती के लिए तैयार रहने का काम सौंपा जाता है। किसी परिदृश्य के उत्पन्न होने का पूर्वानुमान व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। यद्यपि हम हमें दिये जाने वाले किसी भी कार्य के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।

जनरल रावत ने कहा कि उनकी नयी भूमिका का उद्देश्य रक्षा प्रणालियों और सेना के सभी अंगों (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में तालमेल बनाना है। उन्होंने कहा कि इसी कारण से सीडीएस पद सृजित किया गया है। जनरल रावत को गत वर्ष 30 दिसम्बर को देश का पहला प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

उन्होंने कहा, ''...हम बेहतर तालमेल की ओर बढ़ना जारी रखेंगे।

वही वायुसेना अड्डे को मजबूती प्रदान करने को लेकर वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने कहा कि यह (स्क्वाड्रन की तैनाती) दक्षिणी प्रायद्वीप की वायु रक्षा की भूमिका निभाएगा। भारतीय वायुसेना ने यहां वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई के पहले स्क्वाड्रन को सेवा में शामिल किया। यह दक्षिण भारत में इन लड़ाकू विमानों के लिए पहला ऐसा अड्डा है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र की रक्षा में सुखोई लड़ाकू विमानों की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई के स्क्वाड्रन 'टाइगरशार्क्स को वायुसेना प्रमुख और शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में सेवा में शामिल किया गया। ये विमान ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों से लैस हैं।

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