चेन्नई/नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के परिवार का कहना है कि कालाधन कानून के तहत आयकर विभाग द्वारा उनके खिलाफ दायर आरोप पत्र ' आधारहीन आरोप है। इनका कहना है कि विदेशों में जिस निवेश को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं उन्होंने उसे अपने आयकर रिटर्न में दर्शाया है। आयकर विभाग की कार्रवाई पर चिदंबरम की पत्नी नलिनी और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, बहु श्रीनिधि और एक कंपनी चेस ग्लोबल एडवाइजरी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के चार्टड अकांउटेंटों ने अलग-अलग जवाब दाखिल किए थे।
आज जारी दो बयानों में कहा गया है कि आयकर रिटर्न के कागजात चार्टड अकांउटेंटों की सलाह से तैयार किए गए और भरे गए। जिस निवेश पर प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं उनका भुगतान बैंक रेमिटेंस के माध्यम से किया गया और आयकर कानून की धारा 139 के तहत रिटर्न में इनका उल्लेख किया गया। बयान के अनुसार कि यह आरोप सरासर गलत है कि निवेश की जानकारी को जानबूझकर छिपाया गया। आय का रिटर्न इन आधारहीन आरोपों का पूरा जवाब है।
बयान में कहा गया है कि आयकर विभाग द्वारा कल चेन्नई की अदालत में दाखिल आरोप पत्र पर विधि सम्मत कदम उठाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कल चेन्नई की एक विशेष अदालत में विभाग ने कालाधन (विदेश से आय और परिसंपत्ति को उजागर नहीं करना) कानून की धारा -50 और कर अनुपालन कानून -2015 के तहत चार आपराधिक शिकायतें दाखिल की हैं। नलिनी चिदंबरम, कार्ति, श्रीनिधि और कार्ति से जुड़ी एक कंपनी चेस ग्लोबल के खिलाफ यह शिकायत दर्ज करायी गई। उन पर ब्रिटेन के कैंब्रिज के बार्टन में 5.37 करोड़ रुपये की एक अचल संपत्ति , ब्रिटेन में ही 80 लाख रुपये की संपत्ति और अमेरिका में 3.28 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति के कथित तौर पर खुलासा नहीं करने का आरोप है।