ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

मदुरै: पिता बनने के बाद तो अक्सर इंसान को अपने बच्चे की देखरेख के लिए छुट्टी मिल जाया करती है, लेकिन तमिलनाडु में एक विचित्र मामला सामने आया है। यहां मद्रास हाईकोर्ट ने एक कैदी को बच्चा पैदा करने के लिए दो हफ्ते ही छुट्टी दे दी है। खबरों के अनुसार 40 वर्षीय सिद्दीक अली, तिरुनेलवेली की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसकी पत्नी ने कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी जिसके बाद न्यायमूर्ति एस. विमला देवी और न्यायमूर्ति टी. कृष्णा वल्ली की खंडपीठ ने अली के पक्ष में यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने कहा कि यह समय है कि सरकार को कैदियों को प्रजनन के लिए पत्नी के पास जाने की अनुमति पर विचार के लिए समिति बनाए। कई देशों में कैदियों को इस तरह के अधिकार दिए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि केंद्र ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि प्रजनन के लिए पत्नी के पास जाने का अधिकार है लेकिन यह विशेषाधिकार नहीं है। कैदियों को यह इच्छा पूरी करने दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने जेल अधिकारियों द्वारा याचिका के विरोध को खारिज कर दिया।

जेल अधिकारियों का कहना था कि अली की जिंदगी पर खतरा है और जेल मैनुअल में इस आधार पर छुट्टी देने का प्रावधान नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि असाधारण कारणों के तहत कैदियों को छुट्टी दी जा सकती है। जजों ने कहा कि इस तरह की छुट्टी देने से कैदियों को परिवार के साथ संबंध बनाए रखने, अपराध की प्रवृत्ति कम करने और उन्हें अच्छा कैदी बनने को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है। कैदियों को सुधारना आपराधिक न्याय में उपलब्ध सुधार तंत्र का हिस्सा है। इसके बाद कोर्ट ने जेल प्रशासन को आम प्रक्रिया का पालन करने और जेल से बाहर रहने के दौरान कैदी को सुरक्षा उपलब्ध कराने का आदेश दिया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख