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नई दिल्ली: दक्षिण भारत में तबाही मचाने के बाद ओखी तूफान महाराष्ट्र से होते हुए अब गुजरात की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार आधी रात ओखी तूफान गुजरात में दस्तक दे देगा। ऐसे में प्रदेश में दो दिन भारी बारिश होने की संभावना है। मंगलवार को गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक ओखी की वजह से तमिलनाडु में 39 लोगों की मौत हो गई और केरल में 167 लोग अभी भी लापता हैं।

वहीं बताया गया है कि लक्षद्वीप में कुछ विदेशियों सहित 33 पर्यटकों, दो मर्चेंट शिप और उनमें सवार 16 क्रू मेंबर्स को भी बचाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि चक्रवाती तूफान 'ओखी' के तमिलनाडु और केरल तटों से टकराने के बाद 39 लोग मारे गए और 167 मछुआरे अब भी लापता हैं, जबकि 809 अन्य पानी के बहाव के साथ महाराष्ट्र तट पर पहुंच गए।

मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजीव कुमार जिंदल ने कहा कि चक्रवात अब धीमा पड़ रहा है और गुजरात में इसका कोई असर नहीं होगा, जहां चार दिन बाद विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होना है।

उन्होंने बताया, 'अभी तक तमिलनाडु में 10 और केरल में 29 लोग जान गंवा चुके हैं। लापता लोगों की ठीक-ठीक संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन उपलब्ध सूचना के मुताबिक तमिलनाडु में 74 और केरल में 93 मछुआरे लापता हैं। राहत एवं बचाव टीमों ने कुल 556 मछुआरों को समुद्र से बचाकर निकाला था। लापता मछुआरों की ठीक-ठीक संख्या का पता लगाने के लिए राज्य सरकारें प्रभावित गांवों के संपर्क में हैं।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह चक्रवात ओखी के कारण केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के विभिन्न हिस्सों में उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं जो अब गुजरात की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने गुजरात में भाजपा कार्यकर्ताओं से राज्य में लोगों की मदद पर ध्यान देने को कहा जहां इसके पहुंचने की संभावना है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'सभी संबद्ध प्राधिकार एवं अधिकारियों से बात की। इसमें प्रभावित लोगों को हर संभव मदद प्रदान किया जा रहा है। हमारे कार्यकर्ताओं को नागरिकों के कंधे से कंध मिलाकर चलने और हर संभव मदद पहुंचाने के लिए समर्पित रहना चाहिए।'

तमिलनाडु और केरल के कुल 809 मछुआरे अपनी नौका के साथ बह गए और महाराष्ट्र तट तक पहुंचे जहां उन्हें भोजन एवं आश्रय प्रदान किया गया। लक्षद्वीप में 33 पर्यटक, घरेलू एवं विदेशी, सुरक्षित हैं जबकि 250 मछुआरे भी सुरक्षित पहुंचने में कामयाब रहे।

जिंदल ने कहा कि आठ नाविकों वाले दो व्यापारिक पोतों को नौसेना एवं तटरक्षक बल की टीमें सुरक्षित लक्षद्वीप लेकर आईं। कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा के नेतृत्व में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन कमेटी (एनसीएमसी) गहरे समुद्र में और ओखी चक्रवात से प्रभावित तटीय इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य चला रही है।

गुजरात चुनाव पर नहीं पड़ेगा असर

यह पूछे जाने पर कि क्या चक्रवात से गुजरात में चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी, जिंदल ने कहा कि ऐसी कोई संभावना नहीं है क्योंकि यह पहले ही धीमा पड़ चुका है। इस बीच, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने पूर्वी एवं पश्चिमी तटों पर मछुआरों से कहा कि वे अगले तीन दिन तक समुद्र में नहीं जाएं, क्योंकि चक्रवात ओखी के कारण कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। दक्षिणी गुजरात एवं उत्तरी महाराष्ट्र तटों के पास रहने वाले मछुआरों से बुधवार सुबह तक समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा गया है।

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