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चेन्नई: पीएम मोदी ने आज (सोमवार) तमिलनाडु में अपने दौरे के दौरान चेन्नई में कहा कि बरसात से प्रभावित तमिलनाडु को केंद्र हरसंभव सहायता देगा।

मोदी ने तमिल दैनिक दिना थांथी के 75 साल पूरे होने पर आयोजित एक समारोह में कहा कि अंग्रेज स्थानीय भाषा में प्रेस से डरते थे। उन्होंने कहा कि संपादकीय जिम्मेदारियों का सूझबूझ से निर्वहन होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मीडिया का कंटेंट संदेह के दायरे से ऊपर होना चाहिए। टेक्नोलॉजी ने मीडिया में बहुत बदलाव किए हैं। लोगों में कंटेंट का कनजंपशन भी बदल गया है। लोग अपने मिलने वाले समाचार को अलग अलग माध्यम से कंफर्म करते हैं। मीडियो को अपने ऊपर विश्वास बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि सबसे ज्यादा बिकने वाले अखबार स्थानीय भाषा के हैं। दिना थांथी उनमें से एक है। हर पल कुछ न कुछ हो रहा है। वह संपादक होता है जो यह तय करता है कि क्या जरूरी है और किसे छोड़ दिया जाना चाहिए।

संपादकीय आजादी का सूझबूझ से इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने कहा कि था प्रेस की आजादी का दुरुपयोग अपराध के समान है। खबरों के अलावा समाचार पत्र हमारी सोच को बदलते हैं।

पीएम ने कहा कि मीडिया भी समाज को बदलने का एक माध्यम है, इसलिए इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। दिना थांथी का मतलब है डेली टेलीग्राम। डाक विभाग का टेलीग्राम बंद हो गया है, लेकिन थांथी के 75 साल पूरे हो गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज के समय की मांग है कि लोगों को जागरूक किया जाए ताकि वे जिम्मेदार नागरिक बनें। इस काम में मीडिया अहम भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने कहा कि कई अखबर जिन्होंने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की वे स्थानीय भाषा में थे। यही वजह थी कि अंग्रेजों को स्थानीय प्रेस से डर लगता था।

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