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चेन्नई: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि राज्यपाल 'राजनैतिक सत्ता के समानांतर केंद्र' नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उनका काम सरकार और लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए ‘मार्गदर्शक और विचारक’ का है। उन्होंने कहा, 'भारत में आज राज्यपाल संवैधानिक प्रतिनिधि हैं। वे कोई राजनैतिक सत्ता का समानांतर केंद्र नहीं हैं। हमारे लोकतंत्र में वह औपचारिक प्रमुख हैं।'

चेन्नई में राजभवन में एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम की अध्यक्षता करने और एक सौर ऊर्जा संयंत्र को समर्पित करने के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल सरकार के नियमित कामकाज में 'हस्तक्षेप' नहीं कर सकते।

नायडू ने कहा, 'हमारे लोकतंत्र में वह (राज्यपाल) औपचारिक प्रमुख हैं। सिर्फ मंत्रिमंडल के पास असली शक्ति है। आपको राज्यपाल की शक्तियों और सीमाओं को समझना होगा।' उन्होंने कहा, 'राज्यपाल की शक्तियों और सीमाओं को जाने बिना अगर आप अपनी अपेक्षाओं के साथ आते हैं और तब निराश होते हैं तो कोई भी आपकी मदद नहीं करेगा।'

वह तमिलनाडु में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के कार्यकाल पर 'दोज इवेंटफुल डेज' शीर्षक वाली पुस्तक का विमोचन करने के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राव सितंबर 2016 से पिछले महीने तक तमिलनाडु के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। नायडू ने कहा कि राव ने अपने कार्यकाल के दौरान संविधान के अनुसार अपने दायित्वों का निर्वहन किया।

नायडू ने कहा, 'कुछ लोग खुश हो सकते हैं, कुछ नाखुश हो सकते हैं, लेकिन आप सबको खुश नहीं कर सकते क्योंकि आपको संविधान के अनुसार काम करना है।'

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