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चेन्नई: तमिलनाडु के वन मंत्री डिंडीगुल सी श्रीनिवासन ने पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है। श्रीनिवासन ने कहा कि एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) के मंत्रियों ने पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की सेहत को लेकर कई झूठ बोले। पिछले साल 5 दिसबंर को जयललिला की अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। जयललिता करीब 75 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें 22 सितंबर 2016 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए श्रीनिवासन ने कहा, 'हमने जो अस्पताल में उनके इडली खाने का दावा किया था, वह पूरी तरह से झूठ था क्योंकि किसी भी मंत्री अस्पताल में उनसे मिलने नहीं दिया गया और कोई उनकी मौत की सच्चाई के बारे में नहीं जानता है।'

उन्होंने जयललिता की खराब सेहत के बारे में झूठी जानकारी दिए जाने को लेकर जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा, 'मुझे और मेरी पार्टी के कार्यकर्ताओं को माफ कर दीजिए, लेकिन हमारे सभी मंत्रियों ने अम्मा की सेहत को लेकर आपसे झूठ बोला।' उन्होंने कहा, 'कई नेता अस्पताल में अम्मा से मिलने आए लेकिन सभी को पहली मंजिल तक ही आने दिया गया। इसके बाद किसी को ऊपर जाने की मंजूरी नहीं थी। सभी को वहीं इंतजार करने के लिए कहा जाता।

किसी ने अम्मा को नहीं देखा। राज्यपाल सी विद्यासागर राव समेत कई लोगों को वहीं रोक दिया गया। उन्होंने कहा, हम सबने झूठ बोला ताकि पार्टी का सीक्रेट लीक नहीं हो सके।'

यहां तक कि अरुण जेटली, अमित शाह, वेंकैया नायडू, राज्यपाल, राहुल गांधी और डीएमके नेताओं को अम्मा से नहीं मिलने दिया गया। सभी नेता केवल प्रताप रेड्डी और शशिकला से मिलकर वापस आ गए।

श्रीनिवासन ने जयललिता की मौत के लिए शशिकला के परिवार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, शशिकला के परिवार ने किसी को भी अम्मा के पास नहीं जाने दिया। केवल उन्हीं को पता था कि अममा कैसे मरीं और वहीं इसके लिए जिम्मेदार हैं।

हालांकि यह श्रीनिवासन ही थे जिन्होंने मार्च महीने में ओ पन्नीरसेल्वम और उनके समर्थकों की अम्मा की मौत की जांच कराए जाने की मांग को लेकर आलोचना की थी।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ई पलानीसामी सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में जयललिता की मौत की जांच के लिए आयोग का गठन कर चुके हैं।

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