चेन्नई: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने भ्रष्टाचार के एक मामले उनसे पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा जारी नया समन रद्द करने की मांग को लेकर मद्रास हाई कोर्ट का रूख किया है। याचिका की विचारणीयता पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पी वेलमुरूगन ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद कोई अंतरिम आदेश जारी किये बिना कार्यवाही 28 जुलाई के लिये स्थगित कर दी । सीबीआई ने उनके पिता के वित्त मंत्री रहने के दौरान मॉरिशस से धन हासिल करने के लिए मीडिया समूह आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितता के संबंध में आज पूछताछ के लिए कार्ति को 19 जुलाई को समन जारी किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया कि कार्ति द्वारा ‘‘अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित’’ एक कंपनी को 2007 में इंद्राणी और पीटर मुखर्जी के मीडिया समूह आईएनएक्स मीडिया से रकम मिली थी । मामले में सीबीआई की ओर से कार्ति को यह दूसरा समन था । इससे पहले उसने कार्ति और चार अन्य को पूछताछ के लिए 27 और 29 जून को पेश होने के लिए कहा था । इसके बाद उन्होंने अपने वकील के जरिए सीबीआई को सूचित किया कि उन्हें पेशी के लिए और समय की जरूरत है।
अदालत में आज सीबीआई ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह विचार योग्य नहीं है। सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि सीबीआई के अधिकार क्षेत्र और जांच की शक्तियों के तहत समन जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी के मुताबिक यह याचिका विचार करने योग्य नहीं है और इसे खारिज कर देना चाहिए । कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोल सुब्रमण्यम ने तर्क दिया कि कानून का सिद्ध सिद्धांत है कि एक आरोपी को समन करना और उनसे पूछताछ करना संविधान के अनुच्छेद 20 (3) के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।