चेन्नई: अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पीएच पांडियन ने मंगलवार को एक सनसनीखेज दावा किया है। पांडियन ने आरोप लगाया है कि मौत से पहले जयललिता के साथ बदतमीजी की गई थी। उन्होंने यह आरोप भी जड़ा कि शशिकला और जयललिता के बीच पोएस गार्डन में कुछ संदेहास्पद घटनाएं हुईं थीं। पांडियन ने जयललिता की मौत के लिए सीधे तौर पर शशिकला को संदेह के दायरे में रखकर आरोप लगाए। पांडियन ने कहा कि मौत से पहले जयललिता के साथ धक्का-मुक्की की गई थी। पोएस गार्डन के घर में जयललिता को धक्का दिया गया, जिसके बाद वह बेहोश हो गईं। उन्हें आननफानन में अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जयललिता और शशिकला के बीच किसी मुद्दे पर गर्मागर्म बहस हुई थी। जयललिता नहीं चाहती थी कि शशिकला तमिलनाडु की सीएम बनें। पांडियन ने वीके शशिकला की पदोन्नति का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि वह पार्टी प्रमुख या मुख्यमंत्री बनने की योग्यता नहीं रखतीं। शशिकला को अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता बनाए जाने और उनके मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त किए जाने के दो दिन बाद पांडियन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि शशिकला न तो पार्टी सुप्रीमो बनने की योग्यता रखती हैं और न ही मुख्यमंत्री बनने की। पांडियन ने कहा कि जयललिता के निधन के 20 दिन के भीतर पार्टी के नेताओं से ‘कहलवाया गया’ कि वे शशिकला को पार्टी प्रमुख बनाना चाहते हैं।
एआईएडीएमके नेता ने कहा कि यह तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और एमजीआर का आर्शीवाद है कि शशिकला का शपथग्रहण समारोह नहीं हो पाया। शशिकला नटराजन के पास एआईएडीएमके महासचिव और तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनने के लिए कोई योग्यता नहीं है। मैं जयललिता के निधन की घटना से अब तक उबर नहीं पाया हूं। मैं शशिकला को पदोन्नत किए जाने का पुरजोर विरोध करता हूं। शशिकला के अन्नाद्रमुक प्रमुख बनने पर कड़ा विरोध जताते हुए पांडियन ने कहा कि यह पार्टी के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि महासचिव का चुनाव सिर्फ कार्यकर्ता ही कर सकते हैं। दिवंगत जयललिता की संपत्तियों का हवाला देते हुए पांडियन ने कहा कि वर्ष 1996 में जयललिता ने सार्वजनिक घोषणा की थी कि उनकी सभी संपत्ति जनता को दी जानी चाहिए। पांडियन और उनके बेटे एवं पार्टी कार्यकर्ता मनोज पांडियन ने जयललिता के निधन को लेकर तब भी आरोप लगाए थे, जब डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा उनके निधन से जुड़े संदेहों को खारिज किया जा चुका था। पार्टी के नियमों को विस्तार से बताते हुए मनोज पांडियन ने कहा कि शशिकला को पार्टी प्रमुख बनाया जाना अनुचित है और यह पार्टी के नियमों के खिलाफ है। मनोज ने दावा किया कि पार्टी से निकाली गई शशिकला को वर्ष 2011 में दोबारा पार्टी में शामिल किया गया था। जयललिता ने उन्हें बताया था कि वह उन्हें (शशिकला को) राजनीति में शामिल नहीं करेंगी। गौर हो कि अन्नाद्रमुक की निष्कासित राज्यसभा सदस्य शशिकला पुष्पा ने भी पार्टी प्रमुख वीके शशिकला के तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का विरोध किया और आरोप लगाया कि उनकी ‘आपराधिक पृष्ठभूमि’ है।