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हैदराबाद: वरिष्ठ भाजपा नेता राममाधव ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो नेता नजरबंद हैं, उन्हें शीघ्र ही रिहा किया जाएगा और वे अपनी 'सामान्य रूप से राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने से संबंधित अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों के निरसन पर 'जन जागरण सभा में भाजपा महासचिव ने कहा कि वहां राष्ट्रपति शासन के हटने और विधानमंडल के प्रभाव में आ जाने के बाद अनुसूचित जाति आयोग, महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग जैसे संवैधानिक निकाय भी गठित किये जाएंगे।

अनुच्छेद 370 को पिछले 70 सालों का कैंसर करार देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे महज 70 घंटे में हटा दिया। उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र महीनों तक कानून- व्यवस्था की समस्या में उलझा रहता था, वह अब 200 से अधिक नेताओं को नजरबंद रखे जाने के बाद शांतिपूर्ण हो चला है। राममाधव ने कहा, 'यह दुष्प्रचार है कि (जम्मू-कश्मीर में) हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मैं आज आपको बताऊं कि वे 200 नेता एहतियाती तौर पर हिरासत में हैं। एहतियाती हिरासत सामान्य कानून व्यवस्था का हिस्सा है। यह मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है।'

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रेणुका चौधरी के खिलाफ चार साल पुराने फर्जीवाड़ा केस में खम्मम के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह केस खम्मम में दर्ज कराया गया था।

गौरतलब है कि कलावती नाम की एक महिला ने आरोप लगाया था कि रेणुका चौधरी ने 2014 के चुनाव में उसके पति को टिकट देने के बदले पैसे लिए थे, लेकिन टिकट नहीं दी थी। जिसके बाद महिला ने इसकी धोखाधड़ी को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। रेणुका चौधरी ने आरोपों को नकारते हुए कोर्ट का नोटिस वापस भेज दिया था। इसके बाद खम्मम के प्रथम श्रेणी के कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले भी कांग्रेस नेता के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे।

हैदराबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कथित नई पेशकश की आलोचना करते हुए एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि 'बेगानी शादी में ट्रंप दीवाने हो रहे हैं। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने यह भी कहा कि सरकार के पास स्पष्ट नीति होनी चाहिए और अमेरिकी राष्ट्रपति को सूचित करना चाहिए कि देश को उनकी भूमिका की कोई जरूरत नहीं है।

ओवैसी ने यहां पत्रकारों से कहा, '' वह (ट्रंप) कहते हैं कि (भारत और पाकिस्तान के बीच) मैं मध्यस्थता करूंगा। बार-बार एक ही बात हो रही है। यह तो बेगानी शादी में ट्रंप दीवाने हो रहे हैं। ट्रंप का कोई लेना देना नहीं है। वह क्यों मध्यस्थता करेंगे? उन्होंने कहा, '' क्या हो रहा है? इस देश की विदेश नीति को कौन चला रहा है? हम ट्रंप से इतना क्यों डर रहे हैं कि हम प्रतिक्रिया तक नहीं दे पा रहे हैं? सरकार के पास नीति होनी चाहिए और साफ-साफ यह कहना चाहिए कि हमें आपकी (ट्रंप) की जरूरत नहीं है।

हैदराबाद: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को इस बात पर सवाल उठाया कि जब कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला सुलझाया जाना है तो फिर अमेरिकी राष्ट्रपति से इस बारे में बातचीत करने की क्या जरुरत है। ओवैसी की यह टिप्पणी भारत की तरफ से जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद सोमवार को पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच टेलीफोन पर बात के बाद की गई है। डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की करीब 30 मिनट तक चली लंबी बातचीत पर निराशा व्यक्त करते हुए ओवैसी ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री ने अमिरकी राष्ट्रपति की तरफ से ‘कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्था की बात’ के पूर्व में किए दावे को मान लिया है।

ओवैसी ने कहा- “मैं हैरान और आश्चर्य हूं कि पीएम मोदी ने ट्रंप के साथ फोन पर बात कर उस मुद्दे पर चर्चा की जो द्विपक्षीय है। पीएम मोदी यह कदम ट्रंप के पूर्व में किए गए दावे की पुष्टि करता है कि जिन्होंने कहा था कि ‘उन्हें मध्यस्थता के लिए कहा गया था।’

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