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हैदराबाद: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन की योजना से पहले ही तेलंगाना पुलिस ने उन्हें रविवार को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद आज यानी सोमवार को उन्हें दिल्ली भेजा जा रहा है। चंद्रशेखर ने तेलंगाना पुलिस और सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'तेलंगाना में तानाशाही चरम पर है। लोगों के विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार को छीना जा रहा है। पहले हमारे लोगों को लाठियां मारी गईं। फिर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया। अब मुझे एयरपोर्ट ले आए और दिल्ली भेज रहे हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री याद रखें, बहुजन समाज इस अपमान को कभी नहीं भूलेगा। जल्द वापस आऊंगा।'

रविवार को लंगर हाउस पुलिस के द्वारा दिए गए बयान अनुसार, स्थानीय प्रशासन ने चंद्रशेखर आज़ाद को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद वह अपने समर्थकों के साथ मेहतिपट्नम में सीएए के खिलाफ एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे। प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने के कारण चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद उन्हें और उनके समर्थकों को बोलाराम पुलिस थाने में भेज दिया गया।

हैदराबाद: नागरिकता संशोधन कानून पर असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमना-सामना करने की चुनौती दी। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सीएएए पर अखिलेश, राहुल और ममता को बहस की चुनौती दिए जाने पर कहा कि उनसे क्यों बहस करेंगे, मुझसे करिए। दरअसल, लखनऊ में मंगलवार को अमित शाह ने रैली के दौरान नागरिकता कानून पर बहस करने की खुली चुनौती दी थी। इसके जबाव में करीमनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि वे नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी पर बहस करने के लिए तैयार हैं।

उन्होने कहा कि आपको मेरे साथ बहस करनी चाहिए। उनके साथ बहस क्यों? बहस एक दाढ़ी वाले शख्स के साथ होनी चाहिए। मैं सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर बहस कर सकता हूं। दरअसल, सीएए और एनआरसी को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि यह मुस्लिमों के साथ भेदभापूर्ण है। वहीं सरकार इस आरोप से इंकार कर रही है। लखनऊ में सीएए के समर्थन में रैली के दौरान अमित शाह ने कहा था कि इस मसले पर विपक्ष भ्रम फैला रहा है और दंगे करवा रहा है।

हैदराबाद: एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन औवेसी ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत से सवाल किया है कि मुस्लिमों और दलितों पर हमला करने वाले लोगों को वह कट्टरपंथी सोच से कैसे मुक्ति दिलवाएंगे। दरअसल रावत ने गुरुवार को कहा था कि देश में कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाने वाले शिविर चल रहे हैं क्योंकि यह वैसे लोगों को अलग करने के लिये जरूरी है, जिनकी सोच में चरमपंथ जड़ जमा चुका है। हैदराबाद से सांसद औवेसी ने बृहस्पतिवार को आदिलाबाद में एक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ से मुक्ति उन लोगों को दिलाने की जरूरत है जो पीट पीट कर मार डालते हैं तथा निर्दोष दलितों और मुस्लिमों की हत्या करते हैं।

औवेसी ने कहा, ‘‘मैं प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल साहब को यह सूचित करना चाहता हूं कि अगर आप कट्टरपंथ से मुक्ति दिलाना ही चाहते हैं तो सुनिए, पहले आप किशोर न्याय कानून को पढ़ें। भारतीय दंड संहिता बच्चों पर लागू नहीं होती है। आप कट्टरपंथ से किस तरह मुक्ति दिलाने की बात कर रहे हैं।’’

हैदराबाद: सीएए मामले को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाह दी कि वे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के बजाय अपने देश के अल्पसंख्यकों और दलितों पर ध्यान दें। यहां पेडापल्ली में एक सार्वजनिक बैठक में ओवैसी ने दावा किया कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) बी आर अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान की भावना के खिलाफ है।

हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा, 'जिन लोगों ने आपको (मोदी) वोट दिया वे भारतीय हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लोगों ने आपको वोट नहीं दिया है। लेकिन मोदी को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों की परवाह है। उन्हें भारत के अल्पसंख्यकों और दलितों की चिंता नहीं है।' ओवैसी के अनुसार सीएए सिर्फ मुसलमान-विरोधी ही नहीं बल्कि दलित-विरोधी भी है। उन्होंने कहा कि वह पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन लोगों को धर्म के आधार पर विभाजित करना स्वीकार्य नहीं है।

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