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हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार (7 मार्च) को राज्य विधानसभा में खुलासा किया कि उनके पास भी कोई जन्म प्रमाणपत्र नहीं है। राव ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के नए प्रारूप का जिक्र करते हुए कहा, “जब मेरे खुद के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं है तो मैं अपने पिता का प्रमाणपत्र कहां से लाऊंगा।” नया प्रारूप 1 अप्रैल से लागू होना है। मुख्यमंत्री के तौर पर खासे लोकप्रिय, 66 वर्षीय केसीआर ने आगे कहा, “यह मेरे लिए भी चिंता की बात है। मैं गांव में अपने घर पर पैदा हुआ था। उस वक्त वहां कोई अस्पताल नहीं थे। गांव के बुजुर्ग ही 'जन्मनामा' लिखते थे, जिस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं होती थी।”

उन्होंने कहा, “जब मैं पैदा हुआ था, हमारे पास 580 एकड़ जमीन थी और एक इमारत भी थी। जब मैं अपना जन्म प्रमाणपत्र पेश नहीं कर पा रहा तो दलित, आदिवासी और गरीब लोग कहां से जन्म प्रमाणपत्र लाएंगे।” दिन में दूसरी बार सदन में इस मुद्दे पर बोलते हुए केसीआर ने कहा कि तेलंगाना राष्ट्र समिति की अपनी कुछ प्राथमिकताएं और सिद्धांत हैं, जिनसे वह कभी समझौता नहीं करेंगे।

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में हुए दंगों को ''लक्षित संगठित हिंसा'' करार देते हुए रविवार को कहा कि जिम्मेदारी भाजपा सरकार पर है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अपील की। एआईएमआईएम की 62वीं स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए हैदराबाद के संसद ओवैसी ने दोहराया कि भाजपा नेताओं के भाषण की वजह से हिंसा हुई। उन्होंने आरोप लगाया, ''पूरी योजना और तैयारी के साथ सांप्रदायिक हिंसा हुई। नफरत का माहौल पैदा किया गया। इसे सांप्रदायिक हिंसा नहीं कहा जाना चाहिए बल्कि यह तबाही है।''

ओवैसी ने कहा, ''हमें उम्मीद है कि आपने (प्रधानमंत्री) 2002 (गुजरात दंगों) से सबक लिया होगा और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हो...।'' दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन के पास कुछ युवकों द्वारा की गई नारेबाजी का संदर्भ देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ''... ये कौन लोग हैं जो ' गोली मारो देश के गद्दारों को बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी यह दंगा योजना के साथ हुआ। यह लक्षित संगठित हिंसा है और इसकी जिम्मेदारी आप पर है।''

हैदराबाद: हैदराबाद में एक बार फिर बीते साल पशु चिकित्सक की सामूहिक दुष्कर्म के बाद जलाकर हत्या करने जैसा मामला सामने आया है। तेलंगाना के सूर्यापेट जिले में प्रेम प्रस्ताव देकर बार-बार परेशान करने पर आपत्ति जताने पर एक युवक ने 17 साल की किशोरी से कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद उसे आग लगाकर जला दिया। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि किशोरी 50 प्रतिशत तक जल चुकी है और वारंगल के सरकारी अस्पताल में उसका इलाज किया जा रहा है। किशोरी की हालत फिलहाल स्थिर है।

पुलिस का कहना है कि लोगों ने 21 वर्षीय आरोपी को लड़की को परेशान करने से कई बार रोका भी था। बताया जा रहा है कि आरोपी शुक्रवार रात पीड़िता के घर पहुंचा और उसे जबरदस्ती बाहर झाड़ियों में ले गया, जहां दुष्कर्म करने के बाद आग लगा दी। उन्होंने बताया कि घटना के समय किशोरी घर पर अकेली थी। पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना देकर बुलाया। किशोरी के पिता की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की हत्या का प्रयास, बलात्कार और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

हैदराबाद: हैदराबाद विश्वविद्यालय ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में परिसर के भीतर रात नौ बजे के बाद 'शाहीन बाग नाइट' का आयोजन करने वाले तीन छात्रों पर कुल 15 हजार (पांच-पांच हजार प्रत्येक) रुपये का जुर्माना लगाया है। छात्र संघ ने इसकी आलोचना की है। विश्वविद्यालय सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय के 18 फरवरी के एक आदेश के तहत यह जुर्माना लगाया गया है। छात्रों ने 31 जनवरी को रात नौ बजे के बाद नॉर्थ शॉपिंग कॉम्पलेक्स में यह आयोजन किया था और वहां की दीवारों को भी कथित रूप से खराब कर दिया था।

आदेश में कहा गया है, ''छात्रों को कड़ी चेतावनी दी जाती है कि वे सचेत रहें और भविष्य में अपनी शिक्षा पर ध्यान दें। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति या अनुशासनहीनता में लिप्त पाए जाने का उनके शैक्षणिक करियर पर बेहद खराब प्रभाव होगा और उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।" विश्वविद्यालय के कदम का विरोध करते हुए छात्र संघ ने एक बयान में कहा कि यह आदेश या सर्कुलर मनमाना है और वे इसका पालन नहीं करेंगे। उसने छात्रों पर लगे जुर्माने को बिना शर्त वापस लेने की मांग की है।

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