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हैदराबाद: लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लाखों प्रवासी मजदूरों को लेकर राहत भरी खबर आई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुट गई हैं। तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई है जो आज रात को झारखंड पहुंच जाएगी। बता दें कि लॉकडाउन शुरू होने के बाद से रेलवे ने पहली बार तेलंगाना के लिंगमपल्ली में फंसे 1,200 प्रवासियों को झारखंड के हटिया तक ले जाने के लिए विशेष ट्रेन चलाई।

आरपीएफ के डीजी अरुण कुमार ने बताया, '24 बोगियों वाली यह ट्रेन शुक्रवार सुबह चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हुई।' उन्होंने बताया कि यह प्रवासियों के लिए अब तक चलने वाली पहली ट्रेन है। संयोग से शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस भी है। इस विशेष ट्रेन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि देश के कई राज्यों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जाएगा। फिलहाल मजदूरों के लिए ट्रेन चलाने का फैसला नहीं हुआ है लेकिन रेल मंत्रालय का कहना है कि इसे राज्य सरकार की अपील पर चलाया गया है। जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है।

हैदराबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) को लेकर 3 मई तक लगे देशव्यापी लॉकडाउन को तेलंगाना मंत्रिमंडल ने राज्य में 7 मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 5 मई को राज्य के हालात का जायजा लिया जाएगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य में जारी लॉकडाउन को सात मई तक बढ़ाए जाने की रविवार (19 अप्रैल) को घोषणा की। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में लॉकडाउन को सख्त तरीके से लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सोमवार (20 अप्रैल) से राज्य में फूड डिलीवरी ऐप के संचालन की अनुमति नहीं होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, "तेलंगाना में इस वायरस की वजह से अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 186 मरीज इस बीमारी से निजात पा चुके हैं। वहीं राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की तादाद 844 है।"

संगारेड्डी: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में एक गांव के सरपंच ने लॉकडाउन के चलते अपने परिवार के बजाय कर्तव्य को तरजीह देते हुए अपनी मां को गांव में प्रवेश करने से रोककर वापस भेज दिया। संगारेड्डी जिले के गोसाईपल्ली गांव के सरपंच साई गौड़ की मां पिछले महीने लॉकडाउन प्रभावी होने के बाद से एक रिश्तेदार के घर में फंसी हुई थीं, जब वह लौटीं तो सपरंच ने उन्हें गांव में प्रवेश करने से रोककर वापस भेज दिया। गौड़ ने कहा, 'मुझे अपनी मां को वापस जाने के लिए कहकर बहुत दुख हुआ। मैंने गांव वालों की भलाई के लिए ऐसा किया। मैं अच्छी तरह जानता हूं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।'

उन्होंने कहा कि तुलसम्मा (मां) किसी दूसरे गांव में संबंधी के यहां गई थीं और लॉकडाउन लागू होने के बाद से वहीं फंसी हुई थीं। वह सोमवार को गोसाइपल्ली के पास पहुंची लेकिन उन्हें वहीं रोक दिया गया, क्योंकि गांववासियों के निर्णय के बाद यहां के सभी प्रवेश और निकास द्वारों को सील किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गांव के तीन परिवारों में कोविड-19 के संदिग्ध लक्षण दिखाई देने के बाद यह फैसला लिया गया।

हैदराबाद: कोरोना वायरस के चलते 25 मार्च से देश को लॉकडाउन करने के बावजूद अलग-अलग हिस्सों से कोविड-19 संक्रमण के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में 14 अप्रैल को खत्म हो रहे लॉकडाउन पर सस्पेंस बढ़ गया है। इस बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार (6 अप्रैल) को कहा कि वह लॉकडाउन बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करेंगे। तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर लॉकडाउन हटाया जाता है, तो राज्य में मरीजों की संख्या काफी बढ़ सकती है।"

उन्होंने कहा, "मैं 15 अप्रैल के बाद भी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के पक्ष में हूं क्योंकि हम आर्थिक समस्याओं से उबर सकते हैं, लेकिन हम जीवन नहीं लौटा सकते।" केसीआर ने कहा कि अगर लॉकडाउन हटाया जाता है तो देश की खराब स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण वायरस से संक्रमण के प्रसार को रेाकना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ देश का एकमात्र हथियार लॉकडाउन है। राव ने आगे कहा, ''मैं प्रधानमंत्री, भारत सरकार से अपील करता हूं कि वे बेझिझक लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दें।"

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