हैदराबाद: अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लगातार बिगड़ते जा रहे हालातों और महिलाओं के प्रति अत्याचार की आ रही खबरों के बीच असदुद्दीन ओवैसी ने भारत सरकार पर हमला बोला है। गुरुवार देर रात एआईएमआईएम के एक कार्यक्रम में ओवैसी ने कहा कि भारत सरकार को उन महिलाओं की चिंता ज्यादा है जो अफगानिस्तान में हैं, लेकिन, अपने यहां की महिलाओं पर वे कुछ नहीं बोलते।
एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि भारत में पांच साल से कम की उम्र में ही नौ में से एक बच्ची की मौत हो जाती है। यहां महिलाओं के प्रति अपराध और रेप के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन, हमें चिंता अफगानिस्तान में फंसी हुई महिलाओं की ज्यादा है।
ओवैसी ने कहा कि तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे से सबसे ज्यादा फायदा पाकिस्तान को हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि अलकायदा जैसे आतंकी संगठन फिर से अफगानिस्तान के कुछ इलाकों में सक्रिय हो गए हैं। आईएसआई पहले से ही भारत का दुश्मन है।
उन्होंने कहा, हमें यह याद रखना चाहिए कि आईएसआई ही तालिबान को कंट्रोल करता है और तालिबान उसके हाथों की कठपुतली है।
पहले भी सरकार पर कर चुके हैं हमला
हैदराबाद के सांसद ओवैसी पहले भी मोदी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। दो दिन पहले उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा था कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी तय थी। 2013 की शुरुआत में मैने सरकार को हमारे सामरिक हितों को सुरक्षित करने के लिए तालिबान के साथ संवाद स्थापित करने की सलाह दी थी। हमने अफगानिस्तान में तीन अरब डॉलर का निवेश किया है, लेकिन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।
शायर मुनव्वर राना के विवादित बोल
इससे पहले शायर मुनव्वर राना ने तालिबान का समर्थन किया। उनका कहना है कि तालिबानी लड़ाकों ने किसी मुल्क पर हमला नहीं किया बल्कि उन्होंने अमेरिका द्वारा अफगानिस्तान में अपनी सैन्य ताकत के बलबूते जो सरकार बनाई गई थी उसे ही उखाड़ फेंका है। इस तरह तालिबान ने तो अपने मुल्क को आजाद कराया है। मुनव्वर राना का कहना है कि जिस किस्म की क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे यहां भी है। पहले रामराज था, मगर अब काम राज है। भगवान राम से काम है तो ठीक है। उन्होंने कहा कि जितनी एके-47 तालिबान के पास नहीं होंगी, उतनी तो हिंदुस्तान के माफियाओं के पास हैं। तालिबानी तो हथियार छीनकर और मांगकर लाते हैं, मगर हमारे यहां माफिया तो खरीदते हैं।
तालिबानी आतंकी नहीं अग्रेसिव
मुनव्वर राना ने कहा कि तालिबान को आतंकवादी नहीं कह सकते, उन्हें अग्रेसिव (उग्र) कहा जा सकता है। तालिबान ने अपने मुल्क को आजाद करा लिया तो आखिर दिक्कत क्या है। अपनी जमीन पर कब्जा तो किसी भी तरह से किया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
मुनव्वर राना के विवादित बयान को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा भड़क गया है। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह ने ट्वीट कर कहा कि- मुनव्वर राना आप भी एक काम कीजिए। आप भी तालिबान ही चले जाइए। आपके लिए सबसे महफूज जगह तालिबान है। अपने बयानों को लेकर मुनव्वर राना ट्विटर पर ट्रेंड होने लगे। उन्हें हैशटैग करते हुए लोगों ने नाराजगी जताई। लोगों ने कहा कि मुनव्वर राना को अफगानिस्तान ही चले जाना चाहिए और तालिबान के साथ शायरी करनी चाहिए।