हैदराबाद: तेलंगाना सरकार ने बुधवार को महिला पशुचिकित्सक से सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई के लिए महबूबनगर जिले में स्थित प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत को विशेष अदालत (फास्ट ट्रैक कोर्ट) के रूप में नामित किया है। वहीं, हैदराबाद और राज्य के अन्य हिस्सों में इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने रविवार को इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की घोषणा की थी।
वहीं, मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के कार्यालय-सह-आवास के निकट प्रदर्शन करने का प्रयास करने वाली महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई और छह अन्य को बुधवार को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। सामाजिक संगठन 'भूमाता ब्रिगेड' की संस्थापक देसाई कुछ सदस्यों के साथ विरोध प्रदर्शन करने के लिए मौके पर पहुंची। पुलिस ने उन्हें रोक लिया और तुरन्त उन्हें अपने वाहनों से ले गई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री राव शादी समारोह में शामिल हो रहे हैं लेकिन उनके पास पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने का समय नहीं है।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात का कोई समय नहीं लिया था और वे प्रगति भवन के निकट एकत्र हो गये। तेलंगाना सरकार के खिलाफ भड़काऊ नारे लगाकर उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को खराब करने का प्रयास किया और इसलिए उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया गया।
इस बीच, तेलंगाना सरकार ने बुधवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध और गुमशुदा महिलाओं के मामलों में पुलिस को शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल मामले दर्ज करने चाहिए।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि मामले संबंधित पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र के बिंदु का उल्लेख किए बिना तत्काल दर्ज होने चाहिए और जीरो एफआईआर की व्यवस्था का पालन होना चाहिए। कई राजनीतिक दलों ने हैदराबाद घटना में पुलिस थानों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद के चलते पुलिस कार्रवाई में देरी का मुद्दा उठाया था।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के निर्देश पर विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आहूत की गई। इस बैठक में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं रोकने के लिए अपनायी जाने वाली कार्ययोजना पर चर्चा की गई। बैठक में हिस्सा लेने वालों में गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली, शिक्षा मंत्री एस इंद्रा रेड्डी, महिला विकास एवं बाल कल्याण मंत्री सत्यवती राठौड़ और पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री ई डी राव शामिल थे। चर्चा के बाद विभिन्न दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक उपाय प्रस्तावित किए गए जिससे कि महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए विभिन्न विभागों को शामिल करते हुए एक व्यवस्था तैयार की जा सके।
इस बीच, हैदराबाद मेट्रो रेल ने कहा कि उसने सुरक्षाकर्मियों को निर्देश जारी किया है कि वे आत्मरक्षा के लिए महिला यात्रियों को मिर्च पाउडर साथ रखने की अनुमति दें। इस बीच, पशु चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के खिलाफ हैदराबाद और तेलंगाना के अन्य स्थानों पर प्रदर्शन जारी रहे। विभिन्न समूहों ने रैलियां कीं, कैंडल लाइट मार्च निकाला और अन्य तरीके से प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर एक गणमान्य महिला के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने के आरोप में 28 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया।
गौरतलब है कि हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में सहायक पशु चिकित्सक के तौर पर काम करने वाली युवती का जला हुआ शव 28 नवंबर की सुबह शादनगर में एक पुलिया के नीचे से बरामद किया गया था। उसकी सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में चार आरोपियों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।