हैदराबाद: तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की मुनादी हो चुकी है, मगर उससे ऐन वक्त पहले के चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति को बड़ा झटका लगा है। तेलंगाना में चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति के सांसद के विश्वेश्वर रेड्डी के चंद्रशेखर राव को बड़ा झटका दिया है और पार्टी को अलविदा कह दिया है। माना जा रहा है कि के विशेश्वर कांग्रेस में का हाथ थाम सकते हैं। बता दें कि के चंद्रशेखर राव की पार्टी सत्ता में दोबारा आने के लिए पूरजोर कोशिश कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि रंगा रेड्डी जिले के चेवेल्ला से सांसद के विशेश्वर रेड्डी कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं। बता दें कि पिछले महीने सोनिया गांधी के दौरे से इस बात को और बल मिलने लगा है। दरअसल, तेलंगाना में 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। विशेश्वर रेड्डी उस रेड्डी समुदाय से आते हैं, जहां इस समुदाय की राजनीतिक हैसियत काफी ज्यादा है। विश्वेशकों का कहना है कि अगर रेड्डी कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो कुछ विधानसभा में वोटों पर असर डाल सकते हैं।
इंजीनियर से राजनेता बने रेड्डी ने साल 2013 में तेलंगाना राष्ट्र समिति का दामन थामा था। उनके दादा कोंडा वेंकटा रंगा रेड्डी एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जो बाद में आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बने थे। कहा जाता है कि रंगा रेड्डी जिले का नाम उन्हीं के नाम पर पड़ा है। पार्टी के भीतर के लोगों का कहना है रेड्डी अपने वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी से दुखी थे। उन्हें ऐसा लगता था कि उन्हें पार्टी में उचित महत्व नहीं दिया जा रहा है।
पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को लिखे तीन पन्ने के पत्र में रेड्डी ने इस्तीफे की वजह बताई है और फिलहाल वैचारिक कारणों का हवाला दिया है। हालांकि, इस बीच पिछले हफ्ते ऐसी खबर थी कि राज्य के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने केसीआर को चुनौती दी थी कि वह अपने दो सांसदों को कांग्रेस में शामिल होने से रोक सकते हैं तो रोक लें। रेड्डी का टीआरएस से इस्तीफा किसी सदमे से कम नहीं है।
फिलहाल, 117 विधानसभा सीटों की कुल संख्या में से टीआरएस पार्टी के पास 63 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस के खाते में 22 और भाजपा के खाते में 9 सीटें हैं।