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नई दिल्‍लीः बिहार में जाति आधारित गणना पर आगे क्या होगा, अब ये सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित गणना को असंवैधानिक मानते हुए इस पर अंतरिम रो लगा दी थी। इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बिहार सरकार का तर्क है कि अगर इसे रोका गया तो ‘बहुत बड़ा‘ नुकसान होगा। राज्य सरकार ने चार मई को पटना उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए स्थगन आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की। सरकार ने कहा कि स्थगन से पूरी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

बिहार सरकार ने तर्क दिया कि जातिगत गणना संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत सवैंधानिक रूप से अनिवार्य है। संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान या अन्य आधारों पर किसी नागरिक के खिलाफ भेदभाव नहीं करेगा। वहीं, अनुच्छेद.16 के मुताबिक, सभी नागरिकों को रोजगार या राज्य के अधीन किसी कार्यालय में नियुक्ति देने के मामले में समान अवसर प्रदान किया जाएगा।

नई दिल्लीः ‘लैंड फॉर जॉब‘ मामले में सीबीआई की टीम देशभर में 9 जगहों पर छापेमारी कर रही है। सीबीआई ने पटना, आरा, भोजपुर, दिल्ली और गुरुग्राम में रेड मारी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता के ठिकानों पर भी सीबीआई की छापेमारी चल रही है। साथ ही आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के करीबी विधायक किरण देवी के पटना और आरा के घर पर भी सीबीआई ने दबिश दी है। किरण देवी पूर्व विधायक अरुण यादव की पत्नी हैं। अरुण यादव बड़े बालू कारोबारी हैं।

यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को कथित तौर उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से जुड़ा है। इसे लेकर सीबीआई भी जांच कर रही है। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में नियुक्तियां की गईं थी।

होली के ठीक बाद ईडी ने भी बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित आवास पर रेड मारा था। जिसके बाद कई राजनीतिक दलों ने इसे बदले की कार्रवाई बताया था।

नई दिल्लीः बिहार सरकार ने जातिगत गणना पर पटना हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। राज्य सरकार का तर्क है कि अगर इसे रोका गया तो ‘बहुत बड़ा‘ नुकसान होगा। राज्य सरकार ने 4 मई को पटना हाईकोर्ट द्वारा दिए गए स्थगन आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की है। सरकार ने कहा कि स्थगन से पूरी प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बिहार सरकार ने तर्क दिया कि जातिगत गणना संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत सवैंधानिक रूप से अनिवार्य है।

उल्लेखनीय है कि संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान या अन्य आधारों पर किसी नागरिक के खिलाफ भेदभाव नहीं करेगा। जबकि अनुच्छेद.16 के मुताबिक सभी नागरिकों को रोजगार या राज्य के अधीन किसी कार्यालय में नियुक्ति देने के मामले में समान अवसर प्रदान किया जाएगा।

याचिका में कहा, राज्य ने पहले ही कुछ जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया है। 10 प्रतिशत से भी कम काम लंबित है। पूरी मशीनरी जमीनी स्तर पर काम कर रही है।

नई दिल्ली: बिहार के सीएम नीतीश कुमार इन दिनों विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में लगे हुए हैं। इसी सिलसिले में मंगलवार को बिहार के सीएम ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाक़ात करेंगे। इसके बाद वो मुंबई में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और शिव सेना प्रमुख उद्भव ठाकरे से मुलाक़ात करने जायेंगे। बिहार सीएम नीतीश कुमार की इन दोनों नेताओं से मुलाक़ात बृहस्पतिवार को संभावित हैं।

इससे पहले नीतीश कुमार के करीबी बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने मुंबई में पिछले हफ़्ते दोनों नेताओं से मुलाक़ात की थी। ऐसा समझा जा रहा हैं कि कर्नाटक चुनाव के बाद पटना में संभावित ग़ैर भाजपा दलों के नेताओं के सिलसिले में नीतीश सभी नेताओं से व्यक्तिगत मुलाक़ात कर रहे हैं। पिछले दिनों ही नीतीश कुमार ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। आम चुनाव से पहले क्षेत्रीय दलों के एक साथ आने की चर्चा के बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बिहार सीएम की ये मुलाकात 9 मई को करीब 12 बजे ‘नवीन निवास' में होगी।

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